सचिन तेंदुलकर को न सिर्फ भारत में बल्कि पूरे विश्व में सम्मान दिया जाता है। उनके कई रिकॉर्ड और उनके खेल के प्रति व्यवहार की वजह से उन्हें क्रिकेट का भगवान भी कहा जाता है। हालाँकि हाल ही में हुई एक घटना ने एक नकारात्मक सुर्खियां बटोरी हैं।
मामला कुछ ऐसा है की, भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर द्वारा एक ऑनलाइन गेमिंग विज्ञापन करने से उन्हें प्रशंसकों की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। यहाँ तक की उनके बांद्रा स्थित घर के बाहर एक राजनीतिक गुट ने विरोध प्रदर्शन का ही आयोजन किया।
विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों ने इस मामले को लेकर कोर्ट जाने की भी धमकी दी है। मुद्दा यह है की सचिन “पेटीएम फर्स्ट गेम” के विज्ञापन का हिस्सा हैं जो मुख्य तौर पर एक गेमिंग प्रोग्राम है, जिसमें लोगों को ऑनलाइन गेम खेलने और वास्तविक नकद राशि जीतने का मौका मिलता है।
प्रदर्शन करने वालों की मांग यह है की सचिन को इस विज्ञापन से अपना नाम वापस लेना चाहिए और उनसे जो भी डील हुई है उसे सम्पत करना चाहिए। हालाँकि, सचिन की ओर से अभी तक किसी भी प्रकार का आधिकारिक बयान नहीं आया है।
मिली रिपोर्टों के अनुसार, यह विरोध प्रदर्शन निर्दलीय विधायक बच्चू कडू की पार्टी के सदस्यों द्वारा किया गया था। हालाँकि, सभी विरोध करने वालों को बांद्रा पुलिस स्टेशन ले जाया गया। कहा जा रहा है कडू ने तेंदुलकर को 30 अगस्त को एक नोटिस जारी किया था, जिसमें भारत रत्न पुरस्कार विजेताओं को ‘आचार संहिता’ बनाए रखने की आवश्यकता का हवाला दिया गया था।
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विधायक ने अपने बयान में कहा की, “जिस भी व्यक्ति को भारत रत्न से सम्मानित किया जाता है उन्हें आचार संहिता का पालन करना होता है। सचिन तेंदुलकर भारत रत्न हैं। ऐसे व्यक्ति के रूप में जिनके कई प्रशंसक हैं और जो भारत रत्न हैं, पेटीएम फर्स्ट जैसे जुआ ऐप का विज्ञापन करना सही नहीं है। मेरा अनुरोध है की इस विज्ञापन पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाए।”