मर्दों के क्रिकेट की तरह अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट में भी विश्वकप आयोजित कर रही है आईसीसी। अब तक महिला क्रिकेट के इतिहास में 11 बार विश्वकप आयोजित किए गए हैं । इस साल न्यूज़ीलैंड में आईसीसी महिला विश्व कप 2022 की क्रिकेट श्रृंखला 12 वीं बार आयोजित किया जाने वाला है ।

आने वाली मार्च 4 तारीख को धूमधाम से न्यूजीलैंड में शुरू होने वाली विश्वकप ,अप्रैल 3 तक करीब 1 महीने खेला जाएगा। इस श्रृंखला में भारत न्यु जीलैंड जैसे आठ प्रमुख टीम भाग ले रहे हैं। आज तक एक बार भी भारतीय टीम ने चैंपियन का खिताब नहीं जीता।

पिछले 2017 में खेली गई महिला विश्वकप में फाइनल मैच तक मिताली राज के नेतृत्व में भारतीय टीम गई और फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ एक बड़ी हार का सामना करके खाली हाथ भारत वापस लौटी। उसके बाद इस साल के विश्वकप में भाग लेने वाले भारतीय टीम ,मिताली राज के नेतृत्व में पहले ही घोषित कर दी गई है।

इस विश्वकप के लिए तैयार होने के लिए न्यूजीलैंड के जलवायु और वातावरण से अच्छी परिचय के लिए पिछले महीने भारतीय क्रिकेट टीम न्यूजीलैंड के टूर पर गई और वहां उनके खिलाफ 5 मैच की एक दिवसीय श्रृंखला में भाग लिया। लेकिन उस श्रृंखला में 4 -1 के फर्क से भारतीय टीम को बड़ी हार का सामना करना पड़ा।

इसके कारण क्रिकेट प्रशंसकों के मन में आशंका है कि 1 महीने पहले खेले न्यूजीलैंड में फिर से लगातार जीत कर क्या भारतीय टीम कप हासिल कर पाएंगे? ऐसी स्थिति में कुछ हफ्तों में शुरू होने वाली महिला विश्व कप 2022 श्रृंखला के पहले आईसीसी ने इस श्रृंखला के लिए कुछ नए नियमों की घोषणा की है।

आईसीसी ने कहा है कि अगर किसी टीम में मैच के पहले किसी खिलाड़ी को कोरोना के कारण अलग किया जा रहा है तो अंतिम समय में उनके रिप्लेसमेंट को ढूंढना मुश्किल हो सकता है और ऐसी परिस्थिति में वह टीम सिर्फ 9 खिलाड़ियों के साथ खेल सकती है।

यह घोषणा बहुत ही अहम है । साथ ही आईसीसी ने कहा है कि अगर उन दो खिलाड़ियों के बदले कोच के टीम से कोई दो खिलाड़ी आकर उस मैच में उस टीम के लिए भाग ले सकते हैं । लेकिन उन दो खिलाड़ियों को गेंदबाजी और बल्लेबाजी का मौका नहीं दिया जाएगा और वे सिर्फ मैदान में फील्डिंग कर सकते हैं।

पिछले कुछ समय से हमने देखा है कि कोरोना के कारण आईपीएल सहित कई श्रृंखलाओं को बीच में रोकना पड़ा। ऐसी स्थिति को इस आईसीसी विश्वकप में टालने के लिए आईसीसी ने यह घोषणा की है। इस को मध्य नजर रखते हुए इस विश्वकप में भाग ले रहे सभी टीमों में खिलाड़ियों की संख्या को 15 बनाई है आईसीसी ने।

यह उल्लेखनीय है कि ऐसे नियम पिछले जनवरी महीने वेस्टइंडीज में खेली गई 2022 की आईसीसी अंडर-19 विश्व कप में लागू किया गया था। ना सिर्फ यह बल्कि अगर कोई प्रमुख मैच टाई में समाप्त हुई तो सुपर ओवर खेला जाएगा। अगर वह सुपर ओवर भी टाइ में समाप्त हुई तो इस मैच का नतीजा आने तक लगातार सुपर ओवर खेले जाएंगे।

पिछले 2019 में इंग्लैंड में खेली गई इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के खिलाफ आईसीसी विश्व कप की फाइनल मैच में गेम टाइ ही समाप्त हुई। उसके बाद सुपर ओवर डाला गया और उसमें भी खेल टाइ में समाप्त हुई। उसके बाद आईसीसी ने घोषित किया कि जिस टीम ने सबसे ज्यादा बाउंड्री मारे हो वही टीम जीत प्राप्त करेगी।

इसके कारण उस साल इंग्लैंड को विश्वकप दिया गया था जिसका क्रिकेट प्रशंसक और क्रिकेट खिलाड़ियों ने कठिन आलोचना किया। ऐसी परिस्थिति को भविष्य में टालने के लिए ही आईसीसी ने ऐसी नियम का घोषणा किया है।

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