श्रीलंका के खिलाफ भारतीय टीम स्वदेश में 2 मैच की टेस्ट श्रृंखला खेल रही है । मार्च 4 तारीख को शुरू हुई इस मैच में टॉस जीती भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी चुनी। उस हिसाब से पहले बल्लेबाजी की भारतीय टीम ने 8 विकेट गंवाकर 574 रन बनाए और मैच डिक्लेअर कर दिया।

वैसे ही अपनी 100 वो मैच में खेले 12वीं भारतीय खिलाड़ी बनकर भारतीय स्टार खिलाड़ी विराट कोहली ने इतिहास रचा। लेकिन इस मैच में उन्होंने सिर्फ 45 रन ही बनाए और क्रिकेट प्रशंसकों को निराश कर दिया। इसके बावजूद टेस्ट क्रिकेट में 8000 रन को पार किए छटवे भारतीय खिलाड़ी बने विराट।

इस श्रृंखला के पहले रोहित शर्मा को भारतीय टेस्ट टीम का कप्तान घोषित किया गया था और रोहित शर्मा के टेस्ट टीम की कप्तानी का सफर अब शुरू हुआ है। पिछले 2014 से भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी कर रहे विराट कोहली ने सातवें स्थान पर मौजूद भारतीय टीम को लगातार 2016 से 2021 तक 5 साल विश्व की नंबर एक टीम बनाए रखा ।

साथ ही भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया इंग्लैंड जैसे विदेश में भी कई ऐतिहासिक जीत दर्ज की। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में 40 से ऊपर जीत दर्ज करके वे भारतीय टेस्ट टीम के सबसे सफल कप्तान रहे। इसके बावजूद अचानक पिछले महीने उन्होंने अपनी कप्तानी से इस्तीफा दे दिया।

उसके पहले पिछले नवंबर महीने अपने काम के भोज को कम करने को मध्य नजर रखते हुए उन्होंने अपनी T20 कप्तानी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद बीसीसीआई ने उन्हें एकदिवसीय कप्तानी से निकाल दिया। तब रोहित शर्मा को भारतीय एकदिवसीय टीम और T20 टीम का कप्तान घोषित किया गया था ।

अर्थात, एकदिवसीय और टी-20, जिन दोनों को सफेद गेंद क्रिकेट कहा जाता है, उसकी कप्तानी कर रहे थे रोहित शर्मा और टेस्ट टीम जिसे लाल गेंद क्रिकेट कहा जाता है, उस टीम की कप्तानी विराट कोहली कर रहे थे। अर्थात एक समय में दो खिलाड़ी भारतीय टीम के विभिन्न प्रारूपों की कप्तानी कर रहे थे।

लेकिन पिछले 2017 से 2021 तक भारतीय क्रिकेट के तीनों प्रारूपों के कप्तान रहे विराट कोहली के उस पद से बाहर आने के कारण अब भारतीय टीम के क्रिकेट के तीनों प्रारूपों के कप्तान बने हैं रोहित शर्मा। ऐसी स्थिति में भारत के भूतपूर्व खिलाड़ी दिनेश कार्तिक ने कहा है कि जहां तक भारतीय टीम का सवाल है क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में अलग-अलग कप्तान का होना भारतीय टीम के लिए सेट नहीं होगा।

इस संबंध में उन्होंने कहा है कि भारत जैसे ज्यादा क्रिकेट खेलने वाले देश में क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में एक कप्तान का होना आवश्यक है। अगर एक कप्तान होंगे तो क्रिकेट के तीनों प्रारूपों को एक करना आसान होगा। मुझे अब भी याद है जब एक बार m.s. धोनी ने भारतीय टीम में स्प्लिट कैप्टनशिप के बारे में बात की थी।

उन्होंने कहा कि भारतीय टीम के लिए स्प्लिट कप्तानी ठीक नहीं रहेगी। पिछले कई सालों से ऐसी स्थिति भारतीय टीम के लिए नहीं आई। इसके कारण रोहित शर्मा का क्रिकेट के तीनों प्रारूपों का कप्तान होना सही निर्णय होगा। पिछले कुछ समय से रोहित शर्मा का समय बिल्कुल ठीक चल रहा है ।

पिछले कुछ समय से उनके नेतृत्व में खेली सभी मैच को भारतीय टीम ने जीता है। धोनी का मानना है की क्रिकेट को भगवान मानने वाले भारत जैसे बड़े देश में क्रिकेट के हर प्रारूप के लिए अलग-अलग कप्तान का होना ठीक नहीं होगा।

लेकिन हम इंग्लैंड में देख रहे हैं कि टी-20, एक दिवसीय और टेस्ट क्रिकेट के लिए उनके अलग-अलग कप्तान हैं। लेकिन जहां तक भारत का सवाल है यह फॉर्मेट भारतीय टीम के लिए ठीक नहीं होगा। रोहित शर्मा के भारतीय टीम के कप्तान बनने के बाद उन्होंने लगातार भारत को वाइटवॉश जीत दिलाई है।

इसके संबंध में दिनेश कार्तिक ने कहा है कि उन्होंने अब तक खेले सभी मैच में कई प्रकार के तकनीक का इस्तेमाल किया है। कप्तान के रूप में उनका गेंदबाजों का इस्तेमाल करना बहुत ही अद्भुत है। साथ ही वे युवा खिलाड़ियों को बहुत मौका दे रहे हैं और उनके आत्मविश्वास को बढ़ोतरी दे रहे हैं।

साथ ही युवा खिलाड़ियों को मौका देने के लिए वे अपनी जगह को त्यागने के लिए भी तैयार हैं, जो बहुत ही सराहनीय है। कुछ समय पहले वेस्टइंडीज और श्रीलंका के खिलाफ ट्वेंटी-20 श्रृंखला में ऋतुराज गायकवाड को ओपनर का मौका देने के लिए रोहित शर्मा ने अपनी जगह त्याग दी और उन्होंने मध्य श्रेणी में खेला। इस प्रकार भारतीय टीम के हित को मध्य नजर रखते हुए खेल रहे रोहित शर्मा जरूर भारत के लिए विश्व कप दिला के ही रहेंगे।

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