आईपीएल के तर्ज पर ही बीसीसीआई ने सभी राज्यों के अपने विशेष टी20 प्रीमियर लीग के आयोजन की मंजूरी कुछ वर्षों पूर्व दे दी थी। तभी से है भारत के कई राज्य अपने-अपने T20 श्रृंखला आयोजित कर रहे हैं। उसी तरह कर्नाटक में भी महाराजा ट्रॉफी खेली जाती है। इस साल की प्रतियोगिता का फाइनल कल खेला गया।
बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए रोमांचक फाइनल में हुबली टाइगर्स का मुकाबला मैसूर वॉरियर्स से हुआ। हुबली टाइगर्स की कप्तानी का भार मनीष पांडे उठा रहे थे जबकि मैसूर वॉरियर्स की कप्तानी करुण नायर कर रहे थे। इस फाइनल मुकाबले में हुबली टाइगर्स ने मैसूर वॉरियर्स को हराकर महाराजा सीजन 2 ट्रॉफी का चैंपियन बना।
हुबली टाइगर्स की इस जीत में उनके कप्तान मनीष पांडे का एक बेहतरीन फील्डिंग प्रयास शामिल थी। जब हुबली टाइगर्स को 4 गेंदों पर 11 रनों की आवश्यकता थी, मैसूर वॉरियर्स के खिलाड़ी जगदीश सुचिथ ने एक बड़ा शॉट मारा, लेकिन मनीष पांडे ने अपने शानदार क्षेत्ररक्षण से 5 महत्वपूर्ण रन बचाये। यहाँ देखें उनका यह वीडियो :
Saved on the boundary: Turning tweets into memories, ft. Manish Pandey! 🏏✨
.
.#CricketTwitter #KSCA @im_manishpandey pic.twitter.com/I8Ks6C6kyR— FanCode (@FanCode) August 29, 2023
इससे पूर्व मैसूर वॉरियर्स के कप्तान करुण नायर ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। हुबली टाइगर्स के सलामी बल्लेबाज लुविनिथ सिसौदिया बिना खाता खोले आउट हो गए। हालाँकि उनके बाद के बल्लेबाजों ने अच्छी बल्लेबाजी का नजारा दिखाया और पहले छह ओवर की समाप्ति पर हुबली टाइगर्स का स्कोर 1 विकेट पर 59 रन था।
इस मैच में हुबली टाइगर्स के कप्तान मनीष पांडे भी अच्छी लय में दिखे। पांडे ने 23 गेंद में पचास रन पूरे किए, जिसकी बदौलत हुबली टाइगर्स ने 20 ओवर में 8 विकेट पर 203 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करते हुए, मैसूर वॉरियर्स के बल्लेबाजों ने शानदार शुरुआत की और उनके सलामी बल्लेबाज एसयू कार्तिक और रवि समर्थ ने पहले विकेट के लिए 57 रन जोड़े।
हालाँकि, सलामी बल्लेबाजों के आउट होने के बाद मैसूर वॉरियर्स ने नियमित अंतराल पर विकेट गँवाए। मनवंत ने अंतिम ओवर में सिर्फ 3 रन दिए और जे सुचित का विकेट लिया। उनकी शानदार गेंदबाजी और कप्तान मनीष पांडे के शानदार प्रयास की वजह से हुबली टाइगर्स ने 8 रन से फाइनल मुकाबला जीता और ट्रॉफी अपने नाम कर ली।