वैसे तो एशिया कप की शुरुआत कल यानी 30 अगस्त से पाकिस्तान और नेपाल के बीच मुल्तान में खेले जाने वाले मुकाबले से होगी। हालाँकि, भारतीय टीम अपने अभियान की शुरुआत 2 सितंबर को पल्लेकेले अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, श्रीलंका में पाकिस्तान के खिलाफ करेगी।
विश्व कप से पूर्व खेले जाने वाले इस एशिया कप को एक अंतिम तैयारी के रूप में भी देखा जा रहा है। भारत इस एशिया कप टूर्नामेंट के लिए अपनी 17 सदस्यीय टीम का चयन किया है। ऐसा कहा जा रहा है की टूर्नामेंट के दौरान खिलाड़ियों के कार्यभार प्रबंधन के लिए गेंदबाजों को बदल-बदल कर इस्तेमाल किया जा सकता है।
विशेष रूप से परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए स्पिनर और तेज गेंदबाजों के बीच कुछ खिलाड़ियों को आराम दिया जाएगा। हालाँकि, भारतीय टीम अपनी बल्लेबाजी में ज्यादा कोई बदलाव करती नहीं नजर आएगी। ऐसे में कुछ खिलाड़ियों को इस टूर्नामेंट में खेलने का मौका नहीं मिलने की संभावना है।
दो ऐसे खिलाड़ी जो संभवतः पूरे एशिया कप के दौरान बेंच पर बैठे नजर आ सकते हैं :
1) सूर्यकुमार यादव: भारतीय टीम में श्रेयस अय्यर की वापसी से यह बात तो तय हो गयी है की नंबर 4 पर कौन सा बल्लेबाज खेलेगा। ऐसे में जब श्रेयस एक लंबे समय के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी कर रहे हैं तो इसमें कोई सोचने वाली बता नहीं की भारतीय टीम उन्हें सभी मैचों में खेलने और विश्व कप से पहले खुद को पूरी तरह से लय में वापस आने का मौका देगी।
इस तरह श्रेयस की वापसी से सूर्यकुमार यादव के लिए प्लेइंग 11 में शामिल किये जाने के दरवाजे बंद नजर आ रहे हैं। सूर्यकुमार यादव जो भारत के मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार 3 बार शून्य पर आउट हो गए और वेस्टइंडीज में भी 19, 24 और 25 के साधारण स्कोर ही बना पाए, ऐसे में उन्हें अंतिम एकादस में जगह मिलना लगभग नामुमकिन सा है।
2) तिलक वर्मा: चयनकर्ताओं ने प्रतिभा को देखते हुए भले ही तिलक वर्मा को एशिया कप की टीम में शामिल कर लिया है, परन्तु उनका किसी मैच में खेलना शायद ही संभव हो पाए। विशेष रूप से श्रेयस अय्यर और केेएल राहुल की वापसी ने एक तरह से उनके लिए अंतिम एकादस में शामिल होने का मौका बिलकुल ही ख़त्म कर दिया है।
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तिलक जिन्होंने अब तक एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में डेब्यू भी नहीं किया है, उनके लिए अंतिम टीम में जगह बना पाना नामुमकिन सा है। हालाँकि, भारतीय टीम के साथ एक बड़े टूर्नामेंट के दौरान कुछ समय बिताना और बेहद ही महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त करना, उनके भविष्य के लिए अच्छा साबित हो सकता है।