न सिर्फ साहा को बल्कि मुझे भी बिना कारण बताए टीम से बाहर किया गया है – निराशा में भूतपूर्व खिलाड़ी।

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श्रीलंका के खिलाफ भारत स्वदेश में 3 मैच की t-20 श्रृंखला फरवरी 24, 26 ,27 तारीख को लखनऊ और धर्मशाला के मैदान में खेलने वाली है। उसके बाद ये 2 टीम 2 मैच की विश्व टेस्ट चैंपियनशिप श्रृंखला में मार्च 4 और 12 तारीख को मोहाली और बेंगलुरु में खेलने वाली है।

इसमें बेंगलुरु में खेली जाने वाली दूसरी टेस्ट मैच ऐतिहासिक होगी क्योंकि पहली बार भारत और श्रीलंका दिन-रात की टेस्ट मैच खेलने वाले हैं, जो गुलाबी रंग के गेंद से खेली जाएगी। इस टेस्ट मैच के लिए भारतीय टीम के कप्तान घोषित किए गए हैं रोहित शर्मा और जसप्रीत बुमराह टीम के उप कप्तान होंगे । इस टेस्ट मैच में खेलने वाले रोहित शर्मा के नेतृत्व में 18 खिलाड़ियों की सूची को पिछले कुछ दिन पहले बीसीसीआई ने आधिकारिक तौर पर घोषित किया था।

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इस श्रृंखला में पिछले कुछ सालों से शतक बनाने संघर्ष कर रहे अजिंक्य रहाणे और पुजारा, जो की आउट ऑफ फॉर्म है, इन दोनों को टीम से बाहर कर दिया गया है। इनके साथ भारतीय टीम के लिए कई सालों से खेल रहे वरिष्ठ खिलाड़ी व्रिधमन साहा और तेज गेंदबाज इशांत शर्मा को भी भारतीय टीम के प्रशासन ने मौका नहीं दिया है।

इसमें स्पष्टतः टीम में साहा को मौका ना देने के कारण क्रिकेट बोर्ड में बहुत हलचल मच रही है क्योंकि पिछले कुछ सालों से भारतीय टेस्ट टीम में अपने धमाकेदार प्रदर्शन के कारण कई ऐतिहासिक जीत प्राप्त करके टेस्ट टीम में उनके लिए एक स्थाई जगह पकड़ लिया है ऋषभ पंत ने। लेकिन उनके पहले टीम में खेल रहे विकेटकीपर साहा उनकी तरह अच्छी रन नहीं बना पाए। विशेषतः विदेशों में खेली गई टेस्ट मैच में साहा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए जिसके कारण अब ऋषभ पंत भारतीय टीम के पहले विकेटकीपर बने हैं।

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साथ ही वे अब 37 साल के हैं, जिसके कारण भारतीय क्रिकेट बोर्ड के एस भारत जैसे अगले पीढ़ी के खिलाड़ियों को मौका देना चाह रहें है। इसके कारण बीसीसीआई ने खुलकर साहा से कह दिया है कि उन्हें इसकी वजह से टीम में मौका नहीं दिया जाएगा। स्पष्टतः कहा गया है कि चेतन शर्मा ने कहा है कि ना सिर्फ श्रीलंका के खिलाफ की श्रृंखला में बल्कि अगर वे रणजी ट्रॉफी में अद्भुत प्रदर्शन करेंगे, तब भी उन्हें टीम में मौका नहीं मिलेगा। पिछले कुछ दिनों पहले साहा ने इस बात को कह कर दुख प्रकट किया।

ऐसी स्थिति में भारत के भूतपूर्व विकेटकीपर सैयद किरमानी ने इल्ज़ाम लगाया है कि जिस प्रकार उन्हें उनके करियर के पीक में उन्हें बिना किसी वजह के टीम से बाहर किया गया था, उसी तरह अब अच्छी प्रदर्शन कर रहे साहा को भी बिना वजह के टीम से बाहर किया जा रहा है । इस सिलसिले में उन्होंने कहा है कि साहा के आसपास कई श्रेष्ठ खिलाड़ी आईपीएल जैसे सभी तरह के मैच में लगातार खेलते आ रहे हैं । उनके साथ हुए इस बर्ताव के कारण मुझे लगता है कि वह बहुत दुखी होंगे। लेकिन सबकी जिंदगी में ऊंच-नीच आता जाता है ।

मुझे पता नहीं कि बीसीसीआई और चयन समिति उनके जैसे खिलाड़ियों के बारे में क्या सोचते हैं । मेरे करियर में भी मेरे साथ ऐसा ही बर्ताव हुआ। जब मैं भारतीय टीम के लिए खेल रहा था तब मेरे साथ भी यही अन्याय हुआ। लेकिन तब इसके बारे में बात करने की हिम्मत किसी ने नहीं जुटाई। इसके बारे में उन्होंने अपनी बात जारी रखी और कहा कि जब वे अपने क्रिकेट करियर के पीक में थे, तब टेस्ट और एकदिवसीय टीम से बिना किसी वजह के वे बाहर निकाल दिए गए, जबकि उन पर कोई गलती नहीं थी।

भारत के लिए इन्होंने 88 टेस्ट मैच खेले हैं और कई बार इन्होंने भारत को कठिन परिस्थिति से बाहर लाकर जीत दिलाई है। लेकिन कुछ समाचार पत्रों में मैंने पढ़ा कि मेरे खराब प्रदर्शन के कारण ही मुझे टीम से बाहर निकाल दिया गया है। 1980s में भारत के प्रमुख विकेटकीपर रहे किरमानी 88 मैच में 2579 रन बनाकर 27.04 एवरेज के साथ एक साधारण खिलाड़ी थे। लेकिन अगर उस समय के स्टेटिस्टिक्स के साथ देखा जाए तो यह जरूर अच्छा रिकॉर्ड है।

लेकिन क्रिकेट प्रशंसकों का कहना है कि किरमानी के बातों में कोई भी न्याय नहीं है क्योंकि उन्होंने कहा है कि उन्हीं की तरह अच्छा प्रदर्शन कर रहे साहा को बिना किसी वजह के टीम से बाहर किया गया है ।क्योंकि एमएस धोनी की टीम में आने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम में विकेटकीपर का रोल बिल्कुल बदल गया है । एक विकेट कीपर को बढ़िया रन बनाना भी अब बहुत आवश्यक हो गया है ।

ऐसी स्थिति में ऋषभ पंत ना सिर्फ भारत में बल्कि विदेश में भी धमाकेदार प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन उनकी तुलना में ज्यादा अनुभव शाली रिद्धिमान साहा स्वदेश में भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं और रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं । इसी वजह से उन्हें टीम से निकाला गया है।

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