भारत के सभी प्रशंसकों और क्रिकेट के दीवानों को उम्मीद है की भारतीय टीम अपनी धरती पर होने वाले इस विश्व कप में जीत हासिल करेगी। भारत को कोई आईसीसी ट्रॉफी जीते हुए 10 साल हो गए हैं, पिछली बार उन्होंने 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी। ऐसे में सभी को इस बार घरेलू परिस्थितियों में होने वाले विश्व कप से बहुत उम्मीदें हैं।
विशेष रूप से भारत पिछले कुछ सालों में किसी बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में भी पहुँचने से नाकाम रहा है। ऐसे में भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने अपनी कप्तानी में खेले 2003 के एकदिवसीय विश्व कप को याद करते हुए, कुछ बेहद ही महत्वपूर्ण सलाह दी है।
2003 में भारतीय टीम सौरव गांगुली की कप्तानी में फाइनल में पहुंची थी जहां उन्हें एक मजबूत ऑस्ट्रेलियाई टीम ने हराया था। हालाँकि भारतीय टीम ने उस विश्व कप में कड़ा मुकाबला दिया था। उस समय भारतीय टीम एक निश्चित और निर्धारित समूह के खिलाड़ियों के साथ खेलने के लिए जानी जाती थी।
सौरव गांगुली ने अपने समय को याद करते हुए कहा की, “उस समय हमारे पास एक सुलझा हुआ टीम का संयोजन था, जो की बेहद ही महत्वपूर्ण बात है। उस समय हमारी टीम अच्छी थी और हमने विश्व कप से पूर्व भी मैच जीतने शुरू कर दिए थे। उस समय हमारे पास कुछ शानदार खिलाड़ी थे।”
“इसलिए मेरा मानना है की किसी भी बड़े टूर्नामेंट से पहले आपको टीम में बदलाव नहीं करने चाहिए। 1 साल के लिए खिलाड़ियों का एक समूह तैयार करें और उन्हें जीतने दें या हारने दें, इससे वह एक टीम के रूप में तैयार हो जायेंगे।”
गांगुली ने आगे कहा, “ऑस्ट्रेलिया ने 1999-2003 के बीच कई सालो तक अपनी टीम में कोई भी बदलाव नहीं किया और इसी वजह से वह एक बेहद ही मजबूत टीम थे। 2003 में उस एक वर्ष के लिए हमने भी एक टीम के साथ खेला और वेस्ट इंडीज में जीत हासिल की, नेटवेस्ट जीता। उस समय हम एक बहुत अच्छी टीम के रूप में दक्षिण अफ्रीका गए थे।”
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“इसलिए यह जरूरी है की अभी एशिया कप में जो हमारी टीम के 14-15 खिलाड़ी हैं वही 14-15 को विश्व कप में खेलने को मिले। यह बेहद ही महत्वपूर्ण है की आप टीम के संयोजन को लेकर पूरी तरह विश्वस्त हों और आखिरी समय में कोई बदलाव न करें।”