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आपकी प्रतिभा और असफलता की यही समस्या है, इससे बाहर निकलिए- राहुल को शेन वॉटसन की सलाह

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ऑस्ट्रेलिया में हुए टी20 विश्व कप में निराशाजनक हार झेलने के बाद भारत का अगला न्यूजीलैंड दौरा आज समाप्त हो गया। पिछले वर्ल्ड कप में विराट कोहली, सूर्यकुमार और हार्दिक पांड्या को छोड़कर कप्तान रोहित शर्मा समेत अन्य अहम क्रिकेटरों ने बल्लेबाजी में बेहद ख़राब प्रदर्शन किया। खासकर केएल राहुल, जो उप-कप्तान और सलामी बल्लेबाज़ के रूप में खेले, जिन्होंने ज़िम्बाब्वे के खिलाफ मैच को छोड़कर आक्रामक शुरुआत देने के लिए संघर्ष किया और बड़ी टीमों के खिलाफ बाकी बचे मैचों में असफल रहे।

उन्होंने 2019 के बाद से सीनियर खिलाड़ी शिखर धवन की जगह भारतीय टीम में अपनी जगह बनायीं और विराट कोहली और रोहित शर्मा को पीछे छोड़ते हुए उनका आईपीएल बाजार अन्य सभी को पार कर 17 करोड़ के शिखर पर पहुंच गया। अकसर उन्होंने आक्रामक रूप से शुरुआत नहीं की और टीम में अपनी स्थिति को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण मैचों में कुछ रन बनाकर आउट होने के स्वार्थी इरादे से और कम स्ट्राइक रेट के साथ खेला।

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डर है उनकी समस्या :
इसके अलावा, प्रशंसकों ने स्पस्ट रूप से कहा है की वह बड़ी टीमों के खिलाफ ठोकर खा रहे हैं और युवा टीमों के खिलाफ धुनाई करके खुद को आगे बढ़ा रहे हैं। प्रशंसकों ने कड़ी आलोचना की है कि वह केवल आईपीएल श्रृंखला में स्कोर करते हैं और स्वार्थी हैं। राहुल, जो इतने प्रतिभाशाली हैं कि उन्हें दिग्गजों द्वारा एक बेहतरीन बल्लेबाज के रूप में सराहा जाता है, आउट होने से डरते हैं, लेकिन उनकी धीमी बल्लेबाजी का प्रदर्शन उन्हें कमजोर कर रहा है। इस मामले में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़ी शेन वॉटसन ने कहा है कि राहुल के लड़खड़ाने का कारण यह है कि वह क्षमता के बावजूद डर के साथ डिफेंस खेलना चाहते हैं।

उन्होंने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा की: “मैं केएल राहुल से यही कहूंगा की जब वह प्रतियोगिता को चुनौती देते हैं तो वह सबसे अच्छे खिलाड़ी होते हैं। इसलिए उन्हें स्ट्राइक बदलने या बहुत ज्यादा डिफेन्स करने का तरीका नहीं आजमाना चाहिए। वह निडर होकर खेलते हुए विपक्षी गेंदबाजों पर काफी दबाव बनाते हैं। क्योंकि उनके पास गेंदबाजों को चौके या छक्के मारने के लिए बहुत सारे शॉट हैं, चाहे वे कैसी भी गेंदबाजी करें। लेकिन जब राहुल को लगता है कि वह डिफेन्स खेल सकते हैं तो सभी बल्लेबाजों में जो तनाव आता है वही कमजोरी और लड़खड़ाहट उनके अंदर भी आ जाती है।

बेहतरीन कौशल होने के बावजूद, यह कहना सुरक्षित है कि केएल राहुल की गलती उनके खेलने के डर के कारण है। क्योंकि वही राहुल, जिन्होंने 2019 की आईपीएल सीरीज में 158.41 की प्रभावशाली स्ट्राइक रेट से 659 रन बनाए थे, उन्होंने बाद के सीज़न में क्रमशः 135.36, 129.34, 138.80 के स्ट्राइक रेट से रन बनाते दिखे हैं। खासकर इस साल उन्होंने लखनऊ के लिए 135.38 की मामूली स्ट्राइक रेट से 616 रन बनाए।

इससे यह स्पष्ट है कि या तो वह अपने बाजार को बनाए रखने की स्वार्थी इच्छा के साथ खेल रहे हैं या वह अपनी टीम को जीत दिलाने के लिए किसी तरह बड़े रन बनाने के डर से खेल रहे हैं। तथ्य यह है कि वह एक बार फिर सफल हो सकते हैं यदि वह इस मानसिकता को छोड़ दे और गेंदबाजों की धुनाई करने के इरादे से खेलें।

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