इसी वजह से धोनी भारत के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर है। वजह जानिए।

Dhoni and pant
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भारत और वेस्टइंडीज के खिलाफ 3 मैच की t-20 श्रृंखला कोलकाता के ईडन गार्डंस मैदान में खेल जा रही है। इस श्रृंखला की दूसरी मैच कल समाप्त हुई, जिसमें पहले बल्लेबाजी किए भारतीय टीम ने निर्धारित 20 ओवर में 5 विकेट गंवाकर 186 रन बनाए। भारतीय खिलाड़ियों में विराट कोहली और ऋषभ पंत ने सबसे ज्यादा 52 रन बनाए ।

वेस्टइंडीज के रास्टों चेस ने तीन विकेट लिए। इसके बाद 187 के लक्ष्य के साथ वेस्टइंडीज टीम ने अपनी बल्लेबाजी शुरू की और उनकी शुरुआत बहुत ही खराब थी ।इसके बावजूद मध्य श्रेणी में निकोलस पूर्ण ने 62 रन बनाए और बहुत ही अहम वक्त पर उन्होंने अपने विकेट गंवा दी।

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इसके बावजूद दूसरी तरफ रोमन पॉवेल ने धमाकेदार बल्लेबाजी की और उन्होंने 36 गेंदों में चार बाउंड्री और पांच छक्के के साथ 68 रन बनाकर मैच के अंत तक अपनी टीम की जीत के लिए संघर्ष किया। स्पष्टतः जीत के लिए आखिरी ओवर में जब 25 रन की जरूरत थी तब पॉवेल और पोलार्ड की धमाकेदार जोड़ी ने सिर्फ 16 रन ही बनाए। मैच के उस अंतिम वक्त पर भुवनेश्वर कुमार ने 19वी ओवर डाली जिसमें उन्होंने सिर्फ 4 रन ही दिए। भारत का आखिरी ओवर हर्षल पटेल ने डाला और उन्होंने भारत की जीत पक्की की।

अंत में 8 रन के फर्क से भारतीय टीम ने एक रोमांचक जीत पाई। इस श्रृंखला के पहले गेम में भी भारत ने जीत प्राप्त की। इसके जरिए इस श्रृंखला में 2-0 के फरक से भारत ने अब यह श्रृंखला जीत ली है । इस मैच में जब भारतीय टीम बल्लेबाजी कर रही थी तब अंतिम समय पर सिर्फ 28 गेंद में सात बाउंड्री और एक छक्का मारकर अद्भुत 52 रन बनाए भारत के विकेटकीपर ऋषभ पंत को मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया था। इसके जरिए वेस्टइंडीज टीम के खिलाफ T20 क्रिकेट के इतिहास में एक विकेट कीपर पहली बार मैन ऑफ द मैच बने हैं।

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साथ ही दिनेश कार्तिक, केएल राहुल के बाद टी-20 क्रिकेट में मैन ऑफ द मैच बनने वाले तीसरे विकेटकीपर यही है। न सिर्फ यह बल्कि पूरे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा बार मैन ऑफ द मैच अवार्ड जीते विकेट कीपर की सूची में ऋषभ पंत दूसरे स्थान पर हैं।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा बार मैन ऑफ द मैच जीते विकेटकीपर की सूची यहां :
1) एम एस धोनी : 22
2) ऋषभ पंत :3*
3) केएल राहुल /राहुल द्रविड़ : 2

इस सूची को हम ध्यान से देखेंगे तो हम जरूर यह जान सकते हैं कि भारत के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर एमएस धोनी ही हैं क्योंकि भारतीय क्रिकेट के प्रारंभ में विकेटकीपर का अहम काम था बॉल को कैच पकड़ना। लेकिन 2004 के बाद जब धोनी भारतीय टीम में शामिल हुए विकेटकीपर का किरदार इस टीम में बिल्कुल बदल गया।

उनके टीम में आने के बाद उन्होंने धमाकेदार बल्लेबाजी की और हर शार्ट को चौंका या छक्का मारने की पूरी प्रयास की । स्पष्टतः मिडिल ऑर्डर में खेलने के लिए आकर कईं बार एक अकेले खिलाड़ी होकर उन्होंने भारत को बड़ी जीत दिलाई है। इसके कारण उन्हें एक सबसे बढ़िया फिनिशर भी कहा जाता है, जिसके बदले आज तक कोई और भारतीय टीम में नहीं आ पाए हैं।

ना सिर्फ बल्लेबाजी बल्कि धोनी ने विकेटकीपिंग में भी बहुत कुछ किया है। सबसे तुरंत स्टंपिंग करना, ऊंची छलांग मार के अविश्वसनीय कैच पकड़ना जैसे कई विषयों को उन्होंने कर दिखाया है। अतः धोनी के बाद टेस्ट हो या T20 मैच, भारत के विकेटकीपर होने का मतलब होगा एक सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज होना। इस पर और जोर देकर कहना हो तो हम भारत के विकेटकीपर को धोनी के पहले और धोनी के बाद, दो भागों में बांट सकते हैं।

भारतीय टीम के विकेट कीपिंग पर उनका उतना जबरदस्त मुद्रा बना है। उन्होंने भारतीय विकेटकीपिंग का स्तर बहुत ही ऊंचा कर दिया है ।अब भारतीय टीम के विकेट कीपिंग कर रहे ऋषभ पंत ने धोनी के कई रिकॉर्ड को तोड़ा है। उनकी उम्र के हिसाब से देखा जाए तो भविष्य में वे जरूर धोनी के और कईं रिकॉर्ड को भी तोड़ कर उनसे आगे बढ़ने की उम्मीद है। लेकिन इसके बाद जितने भी विकेटकीपर आए और चाहे वे कितने भी नए रिकॉर्ड बनाए लेकिन कोई भी एम एस धोनी की जगह नहीं ले सकता क्योंकि वही भारतीय क्रिकेट के प्रथम सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर हैं। हम यह नहीं कहना चाहते कि धोनी की तुलना में अन्य विकेटकीपर फीका पड़ गए हैं ।बल्कि यह लेख इसलिए लिखा गया है ताकि हम धोनी के श्रेष्ठता को पहचान सके। इसके कारण हम जरूर कह सकते हैं कि जितने भी विकेटकीपर आए और जाएं ,धोनी सबसे अलग और खास होंगे।

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