“मेरे कथन का लोग अलग ही मतलब निकाल रहे” रविचंद्रन अश्विन ने अपने पुराने बयान को अर्थ बताया, जानें क्या है पूरा मामला।

Ravichandran Ashwin
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रविचंद्रन अश्विन भारतीय क्रिकेट के एक जाने माने खिलाड़ी हैं, खासकर टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने अपना एक अलग ही नाम बनाया है। टेस्ट क्रिकेट भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट चटकाने वाले गेंदबाजों की सूची में भी उनका नाम दूसरे स्थान पर अंकित है। उन्होंने अब तक भारत के लिए 94 टेस्ट मैच खेले हैं और उनमें उन्होंने 489 विकेट लिए हैं।

कुछ दिनों पहले जब भारत विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबले के लिए उतरा था, तब आश्विन को प्लेइंग 11 में शामिल नहीं किया गया था। उस टेस्ट के बाद ही आश्विन का एक बयान आया था जिसमें उन्होंने कहा था की भारतीय टीम के खिलाड़ी सहकर्मी हैं, पर एक दूसरे के दोस्त नहीं।

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उनका यह बयान सोशल मीडिया से लेकर सभी क्रिकेट प्रेमियों के बीच एक चर्चा का विषय बन गया था, जहाँ सभी भारतीय टीम के भीतर के माहौल पर अपनी-अपनी राय दे रहे थे। जहाँ कुछ लोगों ने आश्विन के इस तरह खुलकर बयान देने को सराहा था वहीं कुछ उनके विरोध में भी नजर आये थे।

हालाँकि, आश्विन ने हाल ही फिर से एक इंटरव्यू दिया जहाँ उन्होंने अपने पुराने बयान की सफाई देते हुए कहा की लोग उनकी बात का गलत मतलब निकाल बैठे थे। उन्होंने अपने पुराने बयान का स्पष्टीकरण देते हुए कहा कई, आज के समय में हर फॉर्मेट के लिए अलग टीम है, ऐसे भी कोई ज्यादा समय एक साथ नहीं बिता पाते, और इसी वजह से खिलाड़ियों में दोस्ती का भाव नहीं आ पाता।

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टाइम्स ऑफ इंडिया के हवाले से आश्विन ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा “मेरे कहने और लोगों के समझने में ग़लतफहमी हुई है। मेरे कथन का मतलब था की पहले किसी भी सीरीज के दौरे लंबे होते थे, ऐसे में वहां दोस्ती होने की गुंजाइश ज्यादा रहती थी। परंतु आज के समय में हम लगातार क्रिकेट खेल रहे हैं, वह भी अलग फॉर्मेट के लिए अलग टीम। ऐसे में मेरा मानना है की जब आप अलग-अलग टीमों के साथ खेलते हैं तो दोस्त बने रहना बेहद ही मुश्किल साबित होता है।

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