इतनी तेज गति से गेंद डालने वाले शोएब अख्तर के पैर में ऐसी समस्या? उनके द्वारा शेयर की गई विषय।

Shoaib akhtar
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पाकिस्तान के भूतपूर्व स्टार खिलाड़ी शोएब अख्तर एक विश्व स्तर के तेज गेंदबाज माने जाते हैं। 21वीं शतक की शुरुआत में विश्व क्रिकेट में डोमिनेट करने वाले ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैकग्रैथ, ब्रेट ली, श्रीलंका के चमिंडा वास , न्यूजीलैंड के शेन पंत जैसे खिलाड़ी की सूची में पाकिस्तान के शोएब अख्तर का नाम लिया जाता है जो विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को भी अपने गेंदबाजी से धमकाते हैं।

कहा जाता है कि सबसे तेज गेंद डालने की क्षमता रखने वाले होने के कारण ग्लेन मैकग्रैथ, ब्रेट ली जैसे खिलाड़ियों की तुलना में विश्व के श्रेष्ठ बल्लेबाज इनका सामना करने थोड़ा डरते हैं। उनकी इस क्षमता के कारण क्रिकेट प्रशंसक उन्हें प्यार से रावलपिंडी एक्सप्रेस बुलाते हैं। क्रिकेट से रिटायर होने के इतने सालों बाद भी क्रिकेट प्रशंसकों के मन में उनके लिए एक अलग जगह है।

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उस समय सचिन तेंदुलकर , रिकी पोंटिंग जैसे विश्व के श्रेष्ठ बल्लेबाज ने कईं हजारों में रन बनाकर कई शतक बनाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने में जुड़े थे। दूसरी तरफ मुथैया मुरलीधरन, शेन वार्न जैसे विश्व स्तर के स्पिनर अपने मैजिकल गेंदबाज़ी के जरिए अनगिनत विकेट ले रहे थे। ऐसी स्थिति में शोएब अख्तर इस विश्व को दिखाना चाहते थे कि एक तेज गेंदबाज क्या कर सकता है ।

एक तेज गेंदबाज होने के नाते वे सबको दिखाना चाहते थे कि सबसे तेज गेंद डालकर वे विश्व रिकॉर्ड बना सकते हैं और जबसे उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर शुरू की है तब से वह यह करने का प्रयास कर रहे थे । अंत में पिछले 2003 में साउथ अफ्रीका में खेले गए विश्व कप मैच में इंग्लैंड के खिलाफ इन्होंने 161.3 किलोमीटर पर आवर की गति से गेंद डाली जिसकी वजह से उन्होंने एक विश्व रिकॉर्ड बनाया । साथ ही उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा है कि जब कभी वह सचिन तेंदुलकर सहवाग जैसे विश्व स्तर के बल्लेबाज़ के खिलाफ गेंदबाजी करते हैं तब वे जबरदस्त अधिक गति से गेंद डालने की कोशिश करते हैं।

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हम जरूर यह कह सकते हैं कि वर्तमान क्रिकेट टीम में इनकी तरह तेज गेंदबाजी करने वाले खिलाड़ी किसी भी टीम में नहीं है। इस तरह बहुत दूर से दौड़ के आकर बहुत तेज गति से जबर्दस्त गेंदबाजी करने के लिए जाने वाले अख्तर के उनके बचपन में घटी एक रोमांचक घटना को अब शेयर किया है। बचपन में किसी डॉक्टर ने उनसे एक बार कहा है कि उन्हें उठकर चलने में भी बहुत कठिनाई महसूस होगी।

इस सिलसिले में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध द एज समाचार पत्र में उन्होंने कहा है कि हर रोज सुबह बाथरूम में दर्द की वजह से मैं अपने पैर को खींच खींच कर चलता था । अभी भी मेरे पैर लॉक हो गए हैं। इस दर्द मे मेरी क्रिकेट करियर की शुरुआत हुई । कहा जाएं तो सिर्फ 1999 ही एक ऐसा साल है जब मैं बिना किसी दर्द के रहा ।

जब तक मैं 6 साल का था तब तक मैं ठीक से चल भी नहीं पाया। उस समय मुझे एक डॉक्टर के पास ले गया गया। मेरी जांच करने के बाद उन्होंने मेरी मां से कहां थी यह बच्चा थोड़ा अपाहिज है। वह अन्य बच्चों की तरह तेज गति से दौड़ भी नहीं सकता। उस समय मेरे घुटनों की हड्डी में इतना दर्द होता था कि मैं उसके बारे में अब सोचूं तो भी मैं कांपता हूं ।

उसके बाद मैंने बर्फ डाली हुई पानी में नहा कर सोना सीख लिया । उस समय मेरे साथ खेल रहे अन्य खिलाड़ी सुबह 4:00 बजे मुझे उठाते थे । उस समय मैंने मेरे चोट को छुपाने की कोशिश की क्योंकि मेरी करियर की शुरुआत में क्रिकेट में खेलने के लिए जबरदस्त मुकाबला था । साथ ही उस समय समाचार पत्रों में कई विवाद होती थी कि क्यों मैं अक्सर खेल में भाग नहीं लेता था।

जब से उनकी जन्म हुई है तब से उनके घुटनों में कुछ कमियां रही है जिसकी वजह से उनकी जांच की डॉक्टर ने उनकी मां से कहा है कि वे अन्य बच्चों की तरह चल दिया दौड़ नहीं सकते । लेकिन शोएब अख्तर ने डॉक्टर की बातों का ध्यान नहीं दिया और क्रिकेट के प्रति अपने स्नेह के कारण में लगातार अभ्यास करते रहे जिसकी वजह से कई सालों बाद वे विश्व प्रसिद्ध विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले तेज गेंदबाज बने ।

अतः बचपन में जिस बच्चे को कहा गया कि वह अन्य बच्चों की तरह चल या दौड़ नहीं सकता, आज उसी बच्चे ने सबसे तेज गति से गेंद डालने के रिकॉर्ड बनाई है जो बहुत ही प्रशंसनीय है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 444 विकेट लिए हैं और इसमें कोई भी संदेह नहीं है कि जब तक विश्व क्रिकेट रहेगी तब तक वे एक सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के रूप में जाने जाएंगे।

पिछले 10 सालों के पहले उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अपनी रिटायरमेंट घोषित कर दी है लेकिन इसके बावजूद रोज बेदर्द महसूस कर रहे हैं । उन्होंने कहा है कि इसके लिए वे बहुत जल्द ही मेलबर्न नगर में ऑपरेशन करने वाले हैं। इतनी दर्द से ऊपर उठकर विश्व रिकॉर्ड बनाने की धैर्य के लिए शोयब अख्तर की जितनी भी प्रशंसा की जाए, वह कम है।

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