क्रिकेट की दुनिया में अगले गिलक्रिस्ट ऋषभ पंत ही है। इसके जवाब में रिकी पोंटिंग क्या कहते हैं?

Ricky pointing
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भारत के युवा विकेटकीपर ऋषभ पंत ने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में एक अच्छे विकेटकीपर बनने की काबिलियत बढ़ा ली है। भारत के स्टार विकेटकीपर एमएस धोनी के रिटायरमेंट बाद सबको परेशानी थी कि उनकी जगह को प्रतिस्थापित करने के लिए कौन से खिलाड़ी मिलेंगे। उन सब सवालों के जवाब के रूप में आए हैं ऋषभ पंत। स्पष्टतः टेस्ट क्रिकेट में इतनी कम उम्र में एम एस धोनी से भी ज्यादा बढ़िया प्रदर्शन कर रहे हैं ऋषभ पंत।

भारतीय खिलाड़ियों के लिए हमेशा विदेश में खेलना एक बहुत बड़ी चुनौती रही है। इस बिंब को तोड़ा ऋषभ पंत ने। इन्होंने इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका में शतक बनाकर विदेशों में शतक बनाए पहले विकेटकीपर का रिकॉर्ड बनाया है। क्रिकेट के इतिहास में शुरुआत में एक विकेट कीपर का काम था गेंद को पकड़ना। लेकिन उस विधि को बदला ऑस्ट्रेलिया के एडम गिलक्रिस्ट ने।

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वे एक धमाकेदार बल्लेबाज थे। किसी भी गेंद को वे आसानी से चौका या छक्का मारने की क्षमता रखते थे। उन्होंने पूरी दुनिया को दिखाया कि एक विकेट कीपर न सिर्फ गेंद को पकड़ता है बल्कि उसे एक अच्छा बल्लेबाज होना आवश्यक है। कहा जाए तो पूरे क्रिकेट के इतिहास में विकेट कीपर को एडम गिलक्रिस्ट के पहले और एडम गिलक्रिस्ट के बाद, करके दो भागों में बांटा जा सकता है। उन्हीं के पथ पर चलकर भारतीय विकेटकीपर एमएस धोनी ने भी यही कर दिखाया ।

विकेटकीपर ना सिर्फ गेंद पकड़ने के लिए है बल्कि एक टीम के जीत में उनके बल्लेबाजी का अहम अंग है। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में अगर हम विकेटकीपर की विभाजन करें तो हम कह सकते हैं कि एमएस धोनी के पहले और एमएस धोनी के बाद। अतः भारतीय भूतपूर्व खिलाड़ियों का कहना है कि एमएस धोनी और गिलक्रिस्ट के पथ पर ही भारतीय विकेटकीपर ऋषभ पंत चल रहे हैं। ऋषभ पंत भी एडम गिलक्रिस्ट की तरह लेफ्ट हैंड बल्लेबाज है। इसके कारण सोशल मीडिया में क्रिकेट प्रशंसक ऋषभ पंत को अगला गिलक्रिस्ट बुला रहे हैं।

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ऐसी स्थिति में ऋषभ पंत को ऑस्ट्रेलिया के जांभवन स्टार क्रिकेटर एडम गिलक्रिस्ट से तुलना करने के बारे में ऑस्ट्रेलिया के भूतपूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने टिप्पणी की है । इसके संबंध में उन्होंने आईसीसी के आधिकारिक पेज पर कहा है कि “हां गिलक्रिस्ट और ऋषभ पंत दोनों लगभग एक ही तरह के खिलाड़ी हैं। मैं अच्छी तरह से जानता हूं कि जब कभी ऋषभ पंत खेलने मैदान निकलते हैं, तब वे धूम मचा देते हैं । लेकिन एक ऑल टाइम सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर के साथ उनकी तुलना करने से पहले उन्हें 50 से 60 टेस्ट मैच खेलने दीजिए। अगर हम उनके स्वभाव की तुलना करें तो मुझे लगता है कि ऋषभ पंत हमेशा चिल्लाकर खेलने वाले लगते हैं,जो मैदान में हमेशा आवाज बढ़ा कर खेलते हैं। गिलक्रिस्ट भी वैसे ही हैं।”

“लेकिन ऋषभ पंत की तुलना में गिलक्रिस्ट थोड़े शांत स्वभाव के हैं और जब कभी उन्हें बल्लेबाजी करने का मौका मिलता है तब वे ऋषभ पंत की तरह ही मैदान में धूम मचा देते हैं। ऋषभ पंत के 50 – 60 टेस्ट मैच के खेलने के बाद ही हमें पता चलेगा कि क्या उनकी तुलना एडम गिलक्रिस्ट से की जा सकती है कि नहीं ।लेकिन मौजूद परिस्थिति को देखा जाए तो हम उन दोनों की तुलना कर सकते हैं और कह सकते हैं कि ऋषभ पंत गिलक्रिस्ट की तरह ही हैं।”

“गिलक्रिस्ट हमेशा हमारी बात नहीं सुनते। एक बार सिडनी नगर में पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच में मैंने उनके साथ बल्लेबाजी की। उस समय हमने चार से पांच विकेट खो दी थी और हमारी टीम को एक अच्छे पार्टनरशिप की सख्त जरूरत थी। हम उस दिन के समाप्ति के नजदीक थे और कुछ ही ओवर बाकी थे। तब गेंदबाज़ी करने पाकिस्तान के डेनिश कनेरिया आए । तब उनके गेंद में एडम गिलक्रिस्ट ने छक्का मारने की कोशिश की। तब मैं उनके पास गया और कहा कि ऐसी स्थिति में इस तरह के शॉट खेलना आवश्यक नहीं है ।कल हमारे पास पूरे दिन है इस तरह के अच्छी बैटिंग के लिए।”

“लेकिन उन्होंने मेरी बात बिल्कुल नहीं सुनी और अगले गेंद में ही उन्होंने एक बहुत बड़ी छक्का मारी। तब मुझे लगा कि इनसे बोलना बिल्कुल बेकार है। उसके बाद उन्होंने अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी जारी रखी और उस मैच के अगले दिन भी उन्होंने बढ़िया खेल खेला। यही है गिलक्रिस्ट का स्वभाव।”

उन्होंने अपनी बात जारी रखी है और कहा कि “ऋषभ पंत भी उन्हीं की तरह ही हैं ।मुझे नहीं पता कि अब तक उन्होंने कितने शतक बनाए हैं। लेकिन मैंने कई बार देखा है कि जब वे अपने 90s में होते हैं तब वे अपना शतक सिक्सर मारकर बनाना चाहते है। लेकिन कई बार वे उस बॉल में आउट होकर पवेलियन वापस चले जाते हैं। उस विषय को हम सही भी नहीं बोल सकते, गलत भी नहीं बोल सकते। एडम गिलक्रिस्ट की तरह ही किसी भी परिस्थिति में किसी के बारे में भी सोचे बिना, किसी की भी बात को ना सुनते हुए खेलने वाले खिलाड़ी है ऋषभ पंत।”

जैसे रिकी पोंटिंग ने कहा है पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में खेली गई बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के टेस्ट श्रृंखला में सिडनी में खेली गई इस मैच में उन्होंने अपना धमाकेदार प्रदर्शन किया और वे अपने 90s में अपने विकेट गवांकर भारत को जीत के बहुत ही करीब ले गए। उसके बाद गाबा नगर में खेली गई टेस्ट मैच में उन्होंने 89* रन बनाकर अपने विकेट नहीं गवाई और इसके जरिए पिछले 32 सालों में ऑस्ट्रेलिया में उनको पहली बार भारत ने हराकर एक ऐतिहासिक जीत प्राप्त की, जिसके प्रमुख अंग थे पंत। यह उल्लेखनीय है कि एडम गिलक्रिस्ट की तरह खेल रहे ऋषभ पंत आईपीएल श्रृंखला में पोंटिंग के कोचिंग में एक श्रेष्ठ कप्तान भी बन रहे हैं।

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