पहले मैंने कुछ गलतियां की। लेकिन अब . मैन ऑफ द सीरीज के बाद ऋषभ पंत का साक्षात्कार ।

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भारत और श्रीलंका के बीच खेली गई 2 मैच की टेस्ट श्रृंखला में 2-0 के फर्क से रोहित शर्मा के नेतृत्व में भारतीय टीम में वाइटवॉश जीत हासिल की है। बेंगलुरु के चिन्नास्वामी मैदान में खेली गई इस दूसरी टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने अद्भुत प्रदर्शन किया और श्रीलंका को 238 रन के फर्क से हराकर एक बहुत बड़ी जीत हासिल की है । इस पूरी श्रृंखला में भारतीय खिलाड़ियों ने खेल के सभी विभागों में अच्छा प्रदर्शन किया है।

इसकी वजह से अब सब भारतीय टीम की प्रशंसा कर रहे हैं। इस श्रृंखला में अपने अद्भुत प्रदर्शन की वजह से सब की प्रशंसा के पात्र बने भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने इस श्रृंखला की पहली मैच की पहली इनिंग्स में 96 रन बनाए और दूसरे टेस्ट मैच की पहली इनिंग में 39 रन और दूसरी इनिंग में 50 रन बनाए।

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उनके इस अच्छे प्रदर्शन की वजह से उन्हे मैन ऑफ द सीरीज दिया गया था। यह इतिहास के पहले विकेटकीपर बल्लेबाज बने हैं जिन्होंने टेस्ट श्रृंखला में मैंन ऑफ द सीरीज जीता है । साथ ही पिछले कुछ सालों से टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर रहे ऋषभ पंत ने इस श्रृंखला में भी अपने अच्छे फॉर्म को बरकरार रखा है जो कि बहुत ही सराहनीय है। एक तरफ सब उनकी प्रशंसा कर रहे हैं लेकिन दूसरी तरफ मैन ऑफ द सीरीज अवार्ड को पाने के बाद अपने द्वारा किए कुछ गलतियों और उसके बाद उसको सुधार कर उन्होंने की बढ़ोतरी के बारे में ऋषभ पंत ने कुछ बातें कही हैं ।

उन्होंने कहा है कि मैं हमेशा मेरे बल्लेबाजी और कीपिंग इन दोनों को बेहतर बनाते रहना चाहता हूं । उसी हिसाब से मैं अब अपनी खेल में बढ़ोतरी देख रहा हूं। लेकिन मेरे करियर की शुरुआत के समय मैंने कई गलतियां की। बल्लेबाजी और कीपिंग दोनों में मैंने गलतियां की है । लेकिन उन सभी गलतियों से सीख कर अब मैं धीरे से बेहतर होते जा रहा हूं । इस श्रृंखला में मेरे अच्छे प्रदर्शन का कारण मेरा मानसिक स्वास्थ्य नहीं है।

मेरे मन में हमेशा यही बात है कि मैं लगातार मेरे गेम को बेहतर बनाते रहूं। स्पष्टतः बेंगलुरु में खेली गई इस मैच में इस मैदान में बल्लेबाजी करना बहुत ही कठिन था। इसी वजह से मैंने सोचा कि मुझे बहुत जल्दी ज्यादा रन बना लेनी चाहिए। ऐसे खेलेंगे तभी इस मैदान में ज्यादा रन बना पाएंगे ।इसकी वजह से ही मैंने इस मैच के दोनों इनिंग्स में धमाकेदार बल्लेबाजी की।

साथ ही टीम के प्रशासन ने चाहा की मैं पांचवें स्थान पर बल्लेबाजी करूं। इसकी वजह से ही मैंने इस बार पांचवे स्थान पर बल्लेबाजी की। लेकिन मेरे मन में हमेशा यह भरोसा था कि मैं जिस किसी स्थान में भी खेलूं, मैं जरूर अपना बेस्ट दूंगा। इन सबके अलावा मैंने और किसी भी विषय के बारे में भी नहीं सोचा। अब मैंने अपनी पूरी फोकस अपनी पूरी प्रतिभा को बाहर लाने में ही रखा है । इसकी वजह से ही मैं हर मैच में लगातार अच्छा प्रदर्शन दे पा रहा हूं।

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