शेन वॉर्न ने जो मेरे लिए किया है वो किसी और ने नहीं किया- रवींद्र जडेजा ओपन टॉक।

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श्रीलंका के खिलाफ भारत स्वदेश में 2 मैच की टेस्ट श्रृंखला खेल रही है जिसमें पहली मैच मोहाली में अभी समाप्त हुई है। मार्च 4 तारीख को शुरू हुई इस मैच में टॉस जीती भारत ने पहले बल्लेबाजी चुनी और उन्होंने अपने पहले इनिंग्स में 8 विकेट गंवाकर 574 रन बनाकर डिक्लेअर कर दिया। रविंद्र जडेजा ने श्रीलंका के गेंदबाजों को तहस-नहस कर दिया और उन्होंने 175 रन बनाकर खेल के अंत तक अपनी विकेट नहीं गवाई। उनके साथ मिलकर ऋषभ पंत ने भी धमाकेदार इनिंग्स खेली और उन्होंने 96 रन बनाए और रविचंद्रन अश्विन ने 61 रन बनाए ।

इसके बाद खेलने आए श्रीलंका के खिलाड़ियों को भारतीय गेंदबाजों का सामना करने में बहुत कठिनाई महसूस हुआ। स्पष्टतःउस टीम के कप्तान करुणारत्ने ,अनुभव शाली वरिष्ठ खिलाड़ी एंजेलो मैथ्यूस जैसे सभी खिलाड़ी भारतीय गेंदबाजी का सामना नहीं कर पाए और बहुत कम रन में उन्होंने अपनी विकेट गंवा दी, जिसके कारण श्रीलंका ने अपनी पहली इनिंग्स में सिर्फ 174 रन के लिए अपनी सारी विकेट गंवा दी। इसके कारण भारतीय टीम श्रीलंका से 400 रन आगे थी और इसके कारण भारत ने श्रीलंका को फॉलोऑन करने को कहा।

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लेकिन इसके बावजूद श्रीलंका के बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए और उन्होंने जल्द से जल्द अपनी विकेट गंवा दी। इसके कारण अपनी दूसरी इनिंग्स में श्रीलंका ने सिर्फ 178 रन ही बनाए और अपनी सारी विकेट गंवा दिए । इसके कारण भारत ने एक इनिंग और 222 रन के फर्क से मेगा जीत दर्ज की है। इस मैच में 175 रन बनाकर 9 विकेट लिए सुपर ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को इस मैच का मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया क्योंकि उन्होंने ही भारत के इस जबरदस्त जीत की शुरुआत की।

इस मैच में शतक बनाकर मैन ऑफ द मैच जीते रविंद्र जडेजा ने इस पूरे सम्मान को पिछले कुछ दिन पहले हार्ट अटैक के कारण अचानक देहांत हुए ऑस्ट्रेलिया के जांभवन शेन वॉर्न को समर्पित किया। साथ ही रविंद्र जडेजा ने कहा कि क्रिकेट में उनके बढ़ोतरी में शेन वॉर्न का बहुत बड़ा भाग है। इसके संबंध में मोहाली के मैच में शतक बनाने के बाद उन्होंने कुछ बातें शेयर की। उन्होंने कहा कि उनके देहांत की खबर से मुझे बहुत बड़ा झटका लगा।

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उस खबर के सुनते ही मैं बहुत ही दुखी हो गया और पूरी तरह से तहस-नहस हो गया। मैं उस खबर को सच मानने से मना कर रहा था। मैं उनसे 2008 के आईपीएल में पहली बार मिला जब वे क्रिकेट के जांभवन थे । उनके साथ खेलना मेरे लिए एक सपना जैसा था जिसको सोचते ही मुझे बहुत खुशी महसूस होती है।

जैसे कि जडेजा ने कहा है, पहली बार 2008 में आईपीएल की शुरुआत हुई जब शेन वॉर्न ने राजस्थान रॉयल्स टीम का नेतृत्व किया और पहली बार उस श्रृंखला में उस टीम को आईपीएल का खिताब दिलाया। स्पष्टतः उस श्रृंखला में किसी अन्य टीमों की तरह राजस्थान रॉयल्स टीम में कोई स्टार खिलाड़ी नहीं होने के बावजूद उन्होंने उनके अद्भुत नेतृत्व से आईपीएल के इतिहास की पहली खिताब उस टीम को दिलाई।

उस आईपीएल श्रृंखला के दौरान युवा खिलाड़ी रविंद्र जडेजा को शेन वार्न ने बहुत सारे मौका दिए और उनका पूरा सहयोग दिया। रविंद्र जडेजा की शुरुआत में जब उनसे कई गलतियां हुई, तब उन्होंने लगातार जडेजा को प्रोत्साहित किया। उस समय हमने अंडर-19 विश्वकप जीती थी और उस बड़े जीत के बाद शेन वार्न जैसे एक बहुत बड़े जांभवन के साथ खेलने का मौका हम जैसे युवा खिलाड़ियों को मिली सबसे बड़ी सौभाग्य कह सकते हैं ।

उस समय उन्होंने मुझे पूरा सहयोग दिया और मुझे उन्होंने मैच में खेलने का मौका दिया। उस समय विराट कोहली के नेतृत्व में मलेशिया में आयोजित की गई अंडर-19 विश्वकप जीते टीम में जडेजा का बहुत बड़ा हाथ था। तब मुझे देखे शेन वॉर्न ने बिना किसी सोच के मुझे सीधे आईपीएल में खेलने का मौका दिया। उस सहयोग और प्रोत्साहन के कारण ही आज मैंने क्रिकेट में इतनी तरक्की की है।

जडेजा ने शेन वॉर्न की कूट कूट से प्रशंसा की है। उनके देहांत का खबर सुनकर मुझे लग रहा है कि इस दुनिया में कुछ भी स्थाई नहीं है और सब कुछ कभी भी बदल सकता है। उन्होंने उनके आत्मा की शांति की प्रार्थना की।

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