विराट कोहली के धमाकेदार साक्षात्कार का सही जवाब देने के लिए बीसीसीआई की अति आवश्यक बैठक बुलाई गई है जिसमे प्रेसिडेंट गांगुली और सचिव जय शाह ने भाग लिया है। समस्या का हल नज़र नही आ रही।

jaysha
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पिछले कुछ दिनों से भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली और उनकी कप्तानी उनसे छीने जाने के विषय में कई चर्चाएं हो रही हैं। कुछ दिन पहले विराट कोहली के एक विस्फोटक साक्षात्कार में ये बात साफ किया कि उनकी और रोहित शर्मा के बीच कोई समस्या नहीं है। विराट खुशी से रोहित शर्मा नेतृत्व में खेलने के लिए तैयार हैं। अब समस्या नई दिशा ले रही है। उस धमाकेदार साक्षात्कार के बाद सब का मानना है कि समस्या सौरभ गांगुली और विराट कोहली के बीच है।

इस खुलासा के कारण कहा जा रहा है की दोनों के बीच शब्दों की लड़ाई चल रही है। विराट कोहली ने साक्षात्कार में कहा कि जब उन्होंने T20 कप्तानी से इस्तीफा देना चाहा तो किसी ने भी उन्हें उसे करने से मना नहीं किया था। लेकिन गांगुली ने पहले कहा था कि जब विराट कोहली ने इस्तीफा देने के बारे में सोचा तभी उन्होंने साफ बता दिया था कि वे इस्तीफा ना दे। अगर इस्तीफा देना चाहते हैं तो सफेद गेंद के सारे प्रारूपों से इस्तीफा दे दें।

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इस प्रकार दोनों के बातों में भिन्नता होने के कारण सबका मानना है की असली मसला इन दोनों के बीच ही हैं। ऐसी स्थिति में इस विषय को एक नतीजे तक पहुंचाने के लिए और विराट कोहली के इल्ताजाम का सही जवाब देने के लिए एक अति आवश्यक बीसीसीआई की बैठक बुलाई गई थी ,जिसमें बीसीसीआई के प्रेसिडेंट सौरव गांगुली और सचिव जय शाह ने भाग लिया था। दोनों ने इस विषय पर चर्चा की है और इस वाद विवाद में उन्होंने चर्चा किया है कि कोहली के खिलाफ क्या निर्णय लिया जाए। कहा जा रहा है की इस विषय में बोलते हुए बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने कहा है कि विराट कोहली से टेस्ट कप्तान का पद भी छीन लिया जाए ।साथ ही विराट कोहली कीसाक्षात्कार, समस्याओं के हल करने के बजाय समस्या को बढ़ाने की तरफ था और वह बीसीसीआई की विधियों के खिलाफ था ।अतःजरूर विराट कोहली को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। खबरों के मुताबिक , इसके जवाब में गांगुली ने कहा है कि अभी भारतीय टीम साउथ अफ्रीका के टूर पर है और टूर के समाप्त होने तक इस विषय में कुछ भी करना भारतीय टीम के लिए बुरा हो सकता है। इसलिए थोड़ा इंतजार करके टीम के भारत लौटने के बाद इस विषय में कोई भी निर्णय लिया जाए ।

इन सारी खबरों की असलियत को जानने के लिए हमें और इंतजार करना पड़ेगा क्योंकि इस विषय में बीसीसीआई के किसी भी अधिकारी ने सीधे कुछ भी बात नहीं कही है। इसके पहले भी कई चर्चाएं शंकाओं के आधार पर ही की गई थी। यह भी हो सकता है कि यह सब अफवाह हो। इस विषय में सच्चाई तभी बाहर आएगी जब बीसीसीआई के किसी अधिकारी प्रेस मीट में साफ बताएं कि सच्चाई क्या है। इसके पहले कोई भी नतीजे पर पहुंचना ठीक नहीं होगा।

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