आईसीसी ने 8 नए नियम घोषित किए हैं। अश्विन की वजह से एक नई नियम बनाई गई है – पूरी जानकारी यहां।

ICC
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हम सब जानते हैं कि दुबई में मौजूद आईसीसी, विश्व भर में खेली जा रही क्रिकेट के तीनों प्रारूपों के लिए समय समय पर नई नियमों को सूचित करके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का पथ प्रदर्शन कर रही है। हर देश में खेली जा रही अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए आईसीसी से सही तरीके से अनुमति प्राप्त करने के बाद ही आयोजित किया जाता है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय मैचों का आईसीसी के आयोजन करने के बावजूद क्रिकेट की बेसिक नियमों को एमसीसी जोकि मेलबोर्न क्रिकेट क्लब है, वह ही नियंत्रण कर रही है।

इंग्लैंड के लंदन नगर में मौजूद यह एमसीसी समय-समय पर परिस्थिति के अनुसार क्रिकेट खेल के लिए आवश्यक नई नियमों को समय-समय पर बदलकर नए नियमों की घोषणा करती है। पिछले कुछ समय से एक चीज बड़ी विवादों का कारण बना है। वह है मनकट विधि, जो एक आउट करने का तरीका है जिसकी सभी कठिन आलोचना कर रहे हैं ।

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उनका कहना है कि यह क्रिकेट के खेल से उसकी ईमानदारी को हटा देता है ।अगर किसी मैच में जब बल्लेबाज बैटिंग करने के लिए तैयार खड़े हैं ,तब उस टीम के दूसरे खिलाड़ी अगर गलती से गेंद के डालने के पहले ही अगर क्रीज़ से बाहर आ जाते हैं तो गेंदबाजी कर रहे खिलाड़ी अपने गेंद के जरिए स्टंप पर मारकर उस खिलाड़ी को आउट कर सकते हैं। इस प्रकार की आउट करने को मनकट मेथड कहते हैं।

यह नियम पिछले 1845 से मौजूद है। लेकिन 1947 में पहली बार भारतीय खिलाड़ी विनो मनकट ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी बिल ब्राउन को इस नियम का पालन करके आउट कर दिया। तब से इस तरीके से आउट करने के नियम को मनकट कहा जा रहा है। उसके बात पिछले 2019 में आईपीएल श्रृंखला में राजस्थान रॉयल्स टीम के लिए बल्लेबाजी कर रहे इंग्लैंड के स्टार खिलाड़ी जोश बटलर को पंजाब टीम के लिए खेल रहे रविचंद्रन अश्विन ने इस तरीके से आउट किया जिसकी वजह से विश्व भर में बड़ी चर्चाएं उठी।

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नियमों के अनुसार इस प्रकार आउट करना ठीक है लेकिन जब एक बल्लेबाज गेंद का सामना करने की अपेक्षा में अपना पूरा ध्यान गेंदबाज की तरफ रख रहा है तब दूसरे खिलाड़ी का गलती से क्रीज़ से बाहर आने पर उनको आउट करना एक प्रकार का धोका माना जा रहा है । इसके कारण कई लोग इस तरीके से आउट करने को गलत बोल रहे हैं। लेकिन अगर गेंदबाजी के समय किसी गेंदबाज अगर उस क्रीज़ से आधा इंच भी अपने पैर बाहर रखकर गेंद डालेंगे तो वह नो बॉल माना जाता है और उसकी सज़ा की तरह उन्हें फ्रीहिट दिया जाता है।

इसके कारण पिछले कुछ समय से भारतीय खिलाड़ी रविचंद्रन अश्विन इस प्रकार की मैनकट आउट को सही बोल कर कईं प्लेटफार्म पर उसकी सपोर्ट में आवाज दे रहे हैं। लेकिन उनके इस सोच के कारण लोग उनकी कठिन आलोचना कर रहे हैं । लेकिन इन सबके बावजूद वे लगातार मनकट तरीके का सपोर्ट कर रहे हैं।

ऐसी स्थिति में अब हम कह सकते हैं कि उनके संघर्ष के लिए अब एक अच्छा अंजाम मिला है। एमसीसी ने घोषित किया है कि मैनकट तरीके से आउट करना बिल्कुल सही है और उसमें कोई भी गलती नहीं है। इसके कारण किसी भी प्रकार की चर्चा का उठना ठीक नहीं है । साथ ही एमसीसी ने कहा है कि अगर कोई खिलाड़ी इस तरीके से आउट होते हैं तो उन्हें रन आउट बोलना चाहिए। ना सिर्फ यह बल्कि क्रिकेट के गेंदों में गेंदबाज सलाइवा का इस्तेमाल करना और कैच पकड़ने के समय आने वाले बल्लेबाज को अगली गेंद का सामना करना जैसे कई नियमों को एमसीसी ने घोषित किया है । उनके नए नियम इस प्रकार हैं :

1) 41.46 नियम में मौजूद सामने वाले बल्लेबाज को आउट करने की विधि को 38 नियम में बदल दिया गया है लेकिन उसका नाम नहीं बदलेगा। वह रहेगा रन आउट।
2) कोरोना की वजह से तत्कालीन रूप से गेंदबाजों को कहा गया था कि वे अब गेम में सलाइवा का इस्तेमाल नहीं कर सकते। अब इस विधि को स्थाई बना दिया गया है । भविष्य में कभी भी किसी भी गेंदबाज को गेंद में सलाइवा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
3) कैच पकड़ते समय, पहले सामने मौजूद बल्लेबाज अगली बॉल खेलने के लिए आ जाते थे और नए खिलाड़ी उनके सामने आ जाते थे। लेकिन अगर भविष्य में कोई भी खिलाड़ी कैच में आउट होते हैं तो आने वाले नए खिलाड़ी अगली गेंद का सामना करेंगे।
4) अगर पक्षी, कुत्ते जैसे कोई अन्य कारण की वजह से किसी गेंद को सही तरह से डाल नहीं पा रहे हैं तो उसे डेड बॉल डिक्लेअर कर दिया जाएगा ।
5) अगर किसी गेंदबाज गेंद के डालने के पहले ही उसका सामना कर रहे बल्लेबाज को आउट करने की प्रयास करेंगे तो उस गेंद को डेड बॉल घोषित किया जाएगा ।

6) अब तक एक सफेद लाइन को मध्य नजर रखते हुए ही अंपायर वाइड बॉल की घोषणा करते हैं । लेकिन अब से अंपायर को इनका सामना कर रहे बल्लेबाज का स्थान को देखकर उस वाइट लाइन की सहायता से वाइड बॉल को डिक्लेअर करना होगा।
7) कभी-कभी गेंद गेंदबाजों के हाथ से फिसल कर गलत जगह में गिर जाते हैं। ऐसी स्थिति में अगर वह गेंद पिच के अंदर होगी तो उसे मारकर बल्लेबाज रन बनाने की प्रयास कर सकते हैं। लेकिन अगर वह गेंद पिच से बाहर चला जाएगा तो उस बॉल को डेड बॉल घोषित किया जाएगा। वैसे ही अगर किसी बल्लेबाज गेंद को क्रीज़ से बाहर जा कर मारेंगे तो उसे डेड बॉल घोषित किया जाएगा ।
8) अब तक फील्डिंग करते समय अगर गेंद डालने के कुछ क्षण पहले फील्डिंग में कुछ बदलाव किया जाएगा तो उसे डेड बॉल घोषित किया गया था। लेकिन भविष्य में उसकी सजा के रूप में 5 रन पेनल्टी के रूप में दिए जाएंगे । एमसीसी ने घोषित किया है कि यह सारे नियम आने वाले अक्टूबर 1 तारीख से खेलने वाले सभी प्रकार के क्रिकेट मैच में लागू किए जाएंगे।

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