हरभजन सिंह ने 1998 में भारतीय टीम के लिए पदार्पण किया। अब तक उन्होंने भारतीय टीम के लिए 103 टेस्ट खेले खेले हैं और 417 विकेट लिए हैं। उन्होंने 236 एकदिवसीय खेलों में 269 विकेट लिए हैं और 28 T20 खेलों में खेल कर 25 विकेट लिए हैं। इस तरह भारतीय टीम के लिए हरभजन सिंह ने लगभग 350 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेले खेले हैं और वे बहुत ही अनुभव शाली खिलाड़ी हैं। क्रिकेट में पदार्पण करके 23 साल के बाद उन्होंने अपने करियर को गुड बाय कह दिया।
सौरव गांगुली के नेतृत्व में साल 2000 में क्रिकेट दुनिया पर प्रभुत्व रखने वाले भारतीय टीम में प्रमुख स्पिनर थे हरभजन सिंह । न सिर्फ ये बल्कि 2007 में टी-20 विश्वकप जीते टीम में और 2011 एक दिवसीय क्रिकेट के विश्व कप जीते टीम में भी हरभजन सिंह ने भाग लिया था ।23 साल कि उनके क्रिकेट करियर में उन्होंने बहुत ही चुनौतीपूर्ण खेलों का सामना किया है। सिंह जब युवा थे तभी उन्होंने ऑस्ट्रेलिया टीम के खिलाफ हैट्रिक विकेट लेकर बड़ी सफलता प्राप्त की थी।
ऐसे श्रेष्ठ खिलाड़ी होकर भी 2015 के बाद उन्हें भारतीय टीम में खेलने का मौका नहीं मिला। इसके बाद भी उन्होंने अपनी रिटायरमेंट की घोषणा नहीं की और वे लगातार आईपीएल के खेलों में खेल रहे थे। पिछले साल कोलकाता टीम ने उन्हें नीलामी में लिया था ।लेकिन उन्होंने सिर्फ 2 खेले खेली। ऐसी स्थिति में कहा गया कि इस साल उन्हें नीलामी में कोई नहीं लेगा ।
41 साल के हरभजन ने अच्छी तरह समझ लिया कि इस बार कोई भी टीम उन्हे नीलामी में नहीं लेगी और उन्होंने कोच का पद स्वीकार करने के बारे में सोचा है। ऐसी स्थिति में आज आधिकारिक तौर पर अपने ट्विटर पेज में हरभजन सिंह ने अपने रिटायरमेंट के बारे में बताया है ।
उसमें उन्होंने कहा है कि इस दुनिया में हो रहे सभी विषयों का एक अच्छा अंजाम होता है ।उसी तरह आज मेरी 23 साल के क्रिकेट करियर की समाप्ति है ।इतनी लंबी क्रिकेट के सफर में उन्हें कई अनमोल समय मिले हैं और उन अच्छे यादों के लिए उन्होंने सबको धन्यवाद कहा है।