आप ऐसे कैसे कह सकते हैं? रवि शास्त्री से झगड़ रहे हरभजन। क्यों जानते हैं?

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भारतीय टेस्ट क्रिकेट के कप्तानी से इस्तीफा देकर विराट कोहली भारतीय टीम में एक साधारण खिलाड़ी बनकर खेल रहे हैं। जब वे टेस्ट टीम के कप्तान बने तब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय टीम सातवें स्थान पर थी। उनके कप्तान बनने के बाद लगातार पांच साल भारतीय टीम विश्व की नंबर एक टीम रही है ।साथ ही ऑस्ट्रेलिया में पहली बार उनके खिलाफ भारतीय टीम में अपनी पहली टेस्ट श्रृंखला की दी जीत दर्ज की है ।कुल 68 खेलों मे कप्तानी किए विराट कोहली ने 40 खेलों में जीत प्राप्त की है ।और इतिहास के सबसे सफलतापूर्वक टेस्ट कप्तान की रिकॉर्ड बनाई है।

विराट कोहली ने पहले सिर्फ T20 कप्तानी से इस्तीफा दिया था।उसके बाद बीसीसीआई ने उन्हें एकदिवसीय कप्तानी से बाहर निकाल दिया। कहा जा रहा है कि उनके साथ हुए इस बर्ताव के कारण निराश हुए विराट कोहली ने अपनी टेस्ट कप्तानी से भी इस्तीफा दे दिया ।भारत के भूतपूर्व खोज रवि शास्त्री ने एक साक्षात्कार में कहा है कि अगर विराट कोहली और 2 साल भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान रहे होते तो और 15 से 20 जीत हासिल की होगी भारत ने और विश्व स्तर पर सबसे अधिक जीत प्राप्त की कप्तान के रिकॉर्ड भी उन्हें के वश होगी।

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लेकिन उनकी जीत को भारतीय क्रिकेट में कई लोग हाजम नहीं कर पा रहे हैं ।उन्हीं के कारण ही विराट ने अपनी इस्तीफा दे दी। उन्होंने साथ ही प्रश्न भी उठाया है कि सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ जैसे खिलाड़ियों ने भारतीय टीम के लिए कितने विश्वकप दिलाए हैं ।उनके इस बात ने बड़ी ही अदम मचा दी है।

उनके इन प्रश्नों के जवाब देते हुए हरभजन सिंह ने कहा है कि हमें बिल्कुल समझ नहीं आ रही है कि वे किसके बारे में बात कर रहे हैं। हमें समझ नहीं आ रहा है कि किसको विराट कोहली की जीत हाजम नहीं हो पा रही है ।एक भारतीय होने के नाते विराट कोहली के रिकॉर्ड से हम सब गर्व महसूस करते हैं ।कहा जाए तो हम चाहते हैं कि वे और 40 से अधिक जीत प्राप्त करके ऐसी जगह पहुंचे जो कोई और कप्तान नहीं पहुंच पाएंगे।

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विराट कोहली की सफलता से यहां किसी को भी जलन नही हो रही है।अगले 2 साल भारतीय टीम, भारत में छोटी टीम के खिलाफ खेलने के कारण जरूर विराट कोहली एक बड़ी रिकॉर्ड बना पाते अगर वे कप्तानी जारी रखते। इसके जवाब में हरभजन सिंह ने कहा है कि आप कैसे कह सकते हैं कि भारत में खेली गई हर खेल भारत के लिए ही सार्थक होगी। राहुल द्रविड़ के कोच बनने के बाद मुझे नहीं लगता है कि भारत ऐसी मैदान में खेलेगी जहां पहले ओवर में ही स्पिन खेल सकते हैं।

मुझे भरोसा है कि आने वाले मैचों में बल्लेबाजों को भी अपनी क्षमता को दिखाने की पूरी मौका दी जाएगी। पिछले कुछ सालों की रिकॉर्ड देखी जाए तो भारतीय बल्लेबाज अपनी रन बनाने की क्षमता ही भूल गए है। पिछले दो-तीन सालों से अच्छे रन न बना पाने के कारण साफ जाहिर है कि भारतीय बल्लेबाजों की खुद पे भरोसा बहुत ही कम हो गई है ।अपने मैदान में आप जरूर जीत दर्ज कर सकते हैं। लेकिन वह कितनी आपकी खिलाड़ी की विकास के लिए सहयोग करेगी यह संदिग्ध है ।

हरभजन सिंह ने यह भी कहा है कि जब रवि शास्त्री भारत के कोच थे ,तब विराट के नेतृत्व में मैच ऐसे मैदान में ही प्लान किया गया था जहां मैच स्पिन के लिए सार्थक हो। मैदान स्पिनिंग के लिए सार्थक होने के कारण ही भारतीय टीम इतनी जीत दर्ज कर पाई। लेकिन अब राहुल द्रविड़ के कोच बनने के बाद अब मुझे पूरा भरोसा है कि अब भारतीय मैदान ना सिर्फ स्पिनिंग के लिए सार्थक होंगे बल्कि वे हमारे बल्लेबाजों को भी और काबिल बनाएंगे।उन्होंने कहा है कि बल्लेबाजों के खराब प्रदर्शन के बावजूद गेंदबाजों के बढ़िया प्रदर्शन के कारण ही विराट कोहली के नेतृत्व में भारतीय टीम इतने सारे जीत दर्ज कर पाई है।

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