द्रविड़ को हां करवाना बड़ा ही मुश्किल काम था ।गांगुली ने शेयर की एक दिलचस्पी बात।

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रवि शास्त्री भारतीय टीम के हेड कोच थे ।अभी समाप्त हुई t20 विश्व कप के साथ उनका कार्यकाल भी समाप्त हो गया। उसके बाद लोग यह जाने के लिए बड़े उत्सुक थे कि भारतीय टीम के अगले हेड कोच कौन होंगे। इसी उम्मीदों के बीच अभी चल रही न्यूजीलैंड के खिलाफ कि टी-20 श्रृंखला से राहुल द्रविड़ ने हेड कोच का पद स्वीकार कर लिया है। वे 2023 को होने वाले 50 ओवर के विश्वकप तक भारतीय टीम के हेड कोच रहेंगे।

कार्यकाल की समाप्ति के बाद अगर उन्होंने इस पद पर रहने की इच्छा प्रकट की तो उस पद में वह जारी रख सकते हैं।ऐसी परिस्थिति में बीसीसीआई के प्रेसिडेंट सौरव गांगुली ने बताया है कि द्रविड़ को भारतीय टीम के हेड कोच बनाने में उन्हें कई मुश्किलों और कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इस संबंध में उन्होंने बात करते हुए कहा कि भारतीय टीम के अगले कोच के बारे में कई चर्चाएं चल रही थी।

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मैंने कई बार द्रविड़ को टीम के हेड कोच बनने का बुलावा दिया था। लेकिन वे लगातार उसे मना करते रहे। बाद हमने द्रविड़ को मजबूर करना छोड़ दिया था ।थोड़े समय बाद फिर से नेशनल क्रिकेट एकेडमी के हेड बनने के बाद हमने उन्हें फिर से टीम के हेड कोच बनने की विनती की। तब भी उन्होंने हमारे प्रार्थना को नकार दिया।

इसके बाद मैंने उन्हें व्यक्तिगत रूप से मिलकर उन्हें बताया कि मैं जानता हूं कि भारतीय टीम के हेड कोच बनने से आपको क्या मुश्किलें झेलनी पड़ेगी। ये सिर्फ दो साल की बात है। आप 2 साल के लिए भारतीय टीम का हेड कोच बनिए ।मेरी विनम्र प्रार्थना के बाद भी द्रविड़ ने भारतीय टीम के हेड कोच बनने के लिए हां कहा ।

मुझे नहीं पता कि कब उनके मन मे बदलाव आया। लेकिन यह बहुत संतोष की बात है की उन्होंने इस पद को स्वीकार कर लिया है ।इसके पहले भी एक इंटरव्यू में हंसी मजाक में सौरव गांगुली ने बताया था कि एक बार द्रविड़ के बेटे ने उनसे कहा कि पापा को काम दे दो ताकि वह हमेशा व्यस्त रहें ।घर में बैठेंगे तो वह बहुत स्ट्रिक्ट पापा हैं।

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