मैं भी एक भारतीय खिलाड़ी था। उनके ऊपर लगाए आरोपों का जवाब दिया बीसीसीआई के प्रेसिडेंट सौरव गांगुली ने ।

Ganguly
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भारतीय क्रिकेट टीम के भूतपूर्व स्टार खिलाड़ी और धमाकेदार कप्तान सौरव गांगुली पिछले 2019 में बीसीसीआई के प्रेसिडेंट नियुक्त किए गए। पिछले 2000 में बेटिंग की जाल में फंसी भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान बने सौरव गांगुली ने टीम में कई धमाकेदार बदलाव किए।

उन्होंने कई युवा खिलाड़ियों को टीम में खेलने का मौका दिया और एक अद्भुत, प्रभावशाली भारतीय टीम का निर्माण किया। पिछले 2003 के आईसीसी विश्व कप के फाइनल तक भारतीय टीम के नेतृत्व किए उन्होंने, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, हरभजन सिंह, युवराज सिंह, एम एस धोनी, जैसे कई युवा खिलाड़ियों को मौका देकर उन सबको आज भारतीय क्रिकेट का अजेय जांभवन बनाया है।

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कुल मिलाकर भारतीय क्रिकेट के इतिहास के एक सर्वश्रेष्ठ कप्तान माने जा रहे सौरव गांगुली को बीसीसीआई के प्रेसिडेंट नियुक्त करने पर भारतीय क्रिकेट प्रशंसक बहुत ही खुश हुए। वे भी बीसीसीआई के प्रेसिडेंट के रूप में पिछले कुछ साल से अपना कर्तव्य सर्वश्रेष्ठ स्तर पर निभा रहे हैं।

स्पष्टतः पिछले 2019 में पहली बार भारत के डे – नाइट टेस्ट खेलने का कारण वे ही थे ।साथ ही घरेलू क्रिकेट खेल रहे खिलाड़ियों के तनख्वाह को बढ़ाने का कार्य भी उन्होंने ही किया है। इन सब के बावजूद भारत के कप्तान विराट कोहली से संबंधित विषयों में वे बहुत बड़ी चर्चा में फंसे हुए हैं। क्योंकि सबसे पहले काम के भोज के कारण विराट कोहली ने सिर्फ T20 कप्तानी से इस्तीफा दिया ।उसके बाद बीसीसीआई ने विराट कोहली को जबरदस्ती एकदिवसीय कप्तानी से बाहर निकाल दिया ।

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तब जब उनसे प्रश्न किया गया था,तब उन्होंने जवाब दिया कि एक दिवसीय कप्तानी से विराट कोहली को बाहर करने का निर्णय चयन समिति का निर्णय था और उसमें उनकी हाथ नहीं थी ।उन्होंने साथ ही कहा की उन्होंने विराट कोहली से निवेदन किया था कि वे अपने T20 कप्तानी ना छोड़े ।लेकिन इन सब को इंकार किया विराट कोहली ने ।

विराट कोहली ने इसके जवाब में कहा कि किसी ने भी उनसे T20 कप्तानी को छोड़ने से मना नहीं किया। बाद में जब विराट कोहली के इस जवाब के बारे में सौरव गांगुली से प्रश्न किया गया, तब गांगुली ने कहा था कि इसके बारे में टिप्पणी करने के लिए कुछ नहीं है ।जब सही समय आएगा तब बीसीसीआई इसका जवाब देगा। इन सब घटनाओं के कारण पूरे विश्व को पता चल गया कि विराट कोहली और सौरव गांगुली के बीच में दरार है।

उसके बाद, कुछ सप्ताह पहले टेस्ट कप्तानी से भी जब विराट कोहली ने इस्तीफा दे दिया, तब सोशल मीडिया में विराट कोहली के प्रशंसकों ने कहा कि इसके भी पीछे बीसीसीआई के प्रेसिडेंट सौरव गांगुली का ही हाथ है। साथ ही कुछ क्रिकेट प्रशंसकों ने यह भी कहा कि टीम के चयन में सौरव गांगुली दखल दे रहे हैं। टीम के चयन में कप्तान को आजादी नहीं दी जा रही है ।इस आरोप को साबित करने की तरह, सौरव गांगुली ,जय शॉ,विराट कोहली और रोहित शर्मा ,इन चारों के एक साथ बैठे एक फोटो को भी उन्होंने रिलीज किया है ।

इन सब के बाद अब सौरव गांगुली ने अपने ऊपर लगाए आरोपों का जवाब दिया है। इसमें उन्होंने कहा है कि उन्हें नहीं लगता है कि ऐसे निराधार आरोपों का उन्हें जवाब देना चाहिए ।मैं अब बीसीसीआई का प्रेसिडेंट हूं और एक प्रेसिडेंट का कर्तव्य ही मैं ठीक तरह से निभा रहा हूं। मैंने भी सोशल मीडिया में वायरल हो रही उस फोटो को देखा। मैं सब को स्पष्ट करना चाहता हूं कि वह फोटो भारतीय टीम के चयन के समय नहीं ली गई थी ।

जय शाह कभी भी चयन समिति के बैठक में एक अंग नहीं थे ।मैंने भी भारत के लिए 424 मैच खेले हैं। अक्सर उसे लोगों को याद दिलाने में कोई गलती नहीं है। मैंने भी भारत की कप्तानी की है और मैं भी बहुत ही अनुभव शाली खिलाड़ी हूं। मैं बहुत अच्छी तरह से जानता हूं कि टीम के चयन में बीसीसीआई के प्रेसिडेंट का दखल देना बहुत ही गलत होगा और वह टीम के लिए बहुत ही हानिकारक हो सकती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि बहुत ही जल्द भारतीय टेस्ट टीम के अगले कप्तान की घोषणा की जाएगी।

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