मौका चाहिए ? तो फिर यह कीजिए । मैं रवि शास्त्री नहीं हूं ।द्रविड़ का धमाका।

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भारतीय क्रिकेट टीम में अब कई नए युवा खिलाड़ी बेहतरीन प्रदर्शन कर रहें हैं ।फिर भी बहुत सारे खिलाड़ियों को मौका मिले बिना टीम से बाहर ही रहना पड़ रहा है ।साथ ही सीनियर खिलाड़ियों का खराब फॉर्म और चोट के कारण जब कभी किसी श्रृंखला के लिए भारतीय टीम को चुनने का विषय आता है, तब हम देख सकते हैं कि भारतीय टीम में लगातार बदलाव किए जाते हैं।आने वाले साउथ अफ्रीका के टूर में भी टीम को चुनने में बहुत सारे मसले दिखाई दे रहे हैं ।

ऐसी स्थिति में कहा जा रहा है कि द्रविड़ ने टीम के लिए कुछ नए नियम बनाए हैं ।किसी भी खिलाड़ी को अगर टीम मे शामिल होना है तो पहले उन्हें उन नियमों का पालन करना है ।जब भी युवा खिलाड़ी अपना अद्भुत प्रदर्शन दिखाते हैं तब वरिष्ठ खिलाड़ियों पर दबाव पड़ता है ।टीम में किए गए कुछ चायनों के कारण टीम को कभी कभी हार झेलना पड़ रहा है। इस कारण द्रविड़ ने अब इस चयन के तरीके को अपनाने के बारे में सोचा है ।

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इस हिसाब से अगर टीम में खेल रहे किसी भी खिलाड़ी को बुरे फॉर्म या चोट के कारण बाहर होना पड़ रहा है तो वे सीधे टीम में वापसी नही कर सकते। उन्हें विजय हजारे ,सैयद मुश्तक अली, रणजी ट्रॉफी जैसे खेलों में अपना अद्भुत प्रदर्शन साबित करना है। अपनी काबिलियत साबित करने के बाद ही वे टीम में वापसी कर सकते हैं।

किसी भी कारण के वजह से अगर किसी खिलाड़ी को बाहर होना पड़ रहा है तो सिर्फ एक खेल के लिए बाहर होकर बची हुई खेलों में वे वापसी नही कर सकते। खेल के लिए पूरी तरह से तैयार होकर अपने आप को साबित करने के बाद ही वे टीम में वापसी कर सकते हैं। इसके पहले जब रवि शास्त्री टीम के कोच थे, बड़े बड़े खिलाड़ियों को चोट और बुरे फॉर्म के कारण टीम से बाहर होना पड़ा। लेकिन उन्हें कुछ ही दिनों में टीम में वापिस ले लिया गया था। लेकिन अब द्रविड़ के कोच बनने के बाद बात ही अलग है।

किसी भी कारण के वजह से किसी भी खिलाड़ी को भी बाहर होना पड़ा तो किसी भारतीय श्रृंखला में अपनी काबिलियत दिखाकर ही वे टीम में वापसी कर सकते हैं। द्रविड़ ने कहा है की इस सोच में कोई बदलाव नहीं है। अतः इसके बाद टीम में जगह पाने के लिए खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करना अनिवार्य है।

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