भारत के पूर्व क्रिकेटर अजीत अगरकर ने रविवार 22 जुलाई को त्रिनिदाद के क्वींस पार्क ओवल में वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे वनडे के दौरान युजवेंद्र चहल को देर से गेंदबाजी दिए जाने की भारत की रणनीति पर सवाल उठाया है। भारत ने पहली पारी में मेजबान टीम के खिलाफ 311 रन दिए। अक्षर पटेल की अविश्वसनीय पारी के दम पर उन्होंने अंततः दो विकेट से मैच जीत लिया।
पहले बल्लेबाजी करते हुए शाई होप और निकोलस पूरन ने भारतीय गेंदबाजी आक्रमण पर जमकर शॉट खेले। युजवेंद्र चहल को सत्रहवें ओवर में भारतीय कप्तान शिखर धवन ने आक्रमण में लाया। तब तक स्कोरबोर्ड 100 रन को पार कर चुका था। स्पिनर ने अपने नौ ओवरों में 1-69 के गेंदबाजी आंकड़े के साथ मैच का समापन किया।
युजवेंद्र चहल को देर से गेंदबाजी करने के फैसले की कुछ प्रशंसकों और विशेषज्ञों ने आलोचना की थी। यह पूछे जाने पर कि क्या वह चहल को पहले हमले में शामिल करना पसंद करेंगे। फैन कोड पर बातचीत के दौरान अजीत अगरकर ने दिया जवाब,
उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि चहल को बचाये रखने की क्या योजना है। उन्होंने जब भी गेंदबाजी की है उन्होंने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। आज आप देख सकते हैं कि जब अंत में विस्फोटक हिटर बचे थे, तो शायद वह पारी के अंत में विकेट लेने की कोशिश में थोड़ा लालची हो गए थे।”
क्रीज पर सेट बल्लेबाज होने के बाद यह हमेशा आसान नहीं होता: अजीत अगरकर
अपने विचारों पर और विस्तार से बताते हुए, अजीत अगरकर ने बताया कि जब युजवेंद्र चहल गेंदबाजी करने आए तो शाई होप और शमर ब्रूक्स दोनों को सेट होने के लिए क्रीज पर पर्याप्त समय मिल चूका था। उन्होंने कहा कि जब बल्लेबाज सेट होते हैं तो गेंदबाजों के लिए यह आसान नहीं होता। अजीत अगरकर ने कहा,
“यह हमेशा आसान नहीं होता है, चाहे आप कितने भी अच्छे गेंदबाज क्यों न हों, एक बार क्रीज पर सेट बल्लेबाज होते हैं, एक बार थोड़ा लाइसेंस होने के बाद, इन लोगों के पास बहुत शक्ति होती है। तो क्यों न उन्हें खेल में जल्दी लाया जाए और कोशिश की जाए और विकेट लेने की।”