भारतीय टीम अब कुछ दिनों के बाद एशिया कप और विश्व कप में खेलती नजर आएगी जो लगातार दो महीने के कार्यक्रम में है। भारत सितम्बर महीने में एशिया कप में भाग लेता नजर आएगा और उसके अगले महीने बेहद ही महत्वपूर्ण विश्व कप में खेलता नजर आएगा।
ऐसे में लंबे कार्यकाल और लगातार मैचों में खेलने के लिए भारतीय टीम के खिलाड़ियों को अपनी फिटनेस पर ध्यान देना होगा। हालाँकि, भारत ने इसी को मद्देनज़र रखते हुए खिलाड़ियों के लिए ट्रेनिंग कैंप का आयोजन किया है। रिपोर्ट के मुताबिक कुछ दिनों पूर्व हुए यो-यो टेस्ट में भाग लेने वाले सभी भारतीय खिलाड़ियों ने इसे पास कर लिया है।
बात करें भारतीय कप्तान रोहित शर्मा की फिटनेस की, जो सदैव ही प्रशंसकों के बीच एक चर्चा का विषय रही है। यह सभी जानते हैं की भारतीय टीम के अन्य खिलाड़ियों की तरह रोहित ने फिटनेस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया है, इसी वजह से उन्हें अकसर ही कुछ मैचों का अंतराल दिया जाता रहा है और होने चोट की वजहों से भी कई मैच मिस किए हैं।
हालाँकि, भारतीय टीम को रोहित शर्मा की फिटनेस को लेकर कोई चिंता नहीं करनी चाहिए और यहाँ हम आपको इसके दो कारण बता रहे हैं: 1). पहला कारण है की उनकी फिटनेस में थोड़ी कमी ने उनके बल्लेबाजी पर कभी कोई प्रभाव नहीं डाला है। साथ ही फील्डिंग में भले ही वह विराट कोहली और हार्दिक पंड्या जितने तेज ना हों उनके क्षेत्ररक्षण का दर्जा भी अच्छा है।
रोहित के पास वनडे मैचों में 100 ओवर खेलने की फिटनेस है। उन्होंने कई मौकों पर बड़ी और लम्बी पारियां खेल कर इस बात को साबित भी किया है। वनडे मैचों में उनके नाम तीन 200 से अधिक के स्कोर दर्ज हैं और वह लंबे समय तक पिच पर खेल सकते हैं।
2). दूसरा कारण है की रोहित को ज्यादातर 30 गज के घेरे के अंदर ही फील्डिंग करनी होती है, क्योंकि उनके ऊपर कप्तानी की जिम्मेवारियां भी हैं। उन्हें कभी-कभार ही सीमा रेखा पर फील्डिंग करते देखा जाता है। उम्र बढ़ने के साथ उन्होंने अपने को इस खेल के अनुरूप ढाल लिया है, इसलिए उनकी फिटनेस को लेकर भारत को चिंता नहीं होनी चाहिए।