जब कुंबले कोच थे और विराट कोहली भारतीय टीम के कप्तान थे, तब खिलाड़ियों के लिए यो-यो टेस्ट प्रभावी हो गया था। हर सीरीज में भारतीय टीम के खिलाड़ियों का चयन इन खिलाड़ियों के फिटनेस टेस्ट के बाद किया जाएगा जिसे यो-यो टेस्ट कहा जाता है। शायद इस यो-यो टेस्ट में फेल होने वाले किसी भी खिलाड़ी को भारतीय टीम में शामिल नहीं किया जाएगा।
कुछ स्टार खिलाड़ियों के इस यो-यो टेस्ट में हार के कारण भारतीय टीम में जगह नहीं बना पाने की भी कहानी है। ऐसे में बीसीसीआई की कल हुई बैठक में जानकारी दी गई कि भारतीय टीम के आगामी चयन में फिर से यो-यो टेस्ट लागू किया गया है। ऐसे में कल भारतीय क्रिकेट बोर्ड, बीसीसीआई की ओर से हुई बैठक में भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा, कोच राहुल द्रविड़ समेत 4 अहम राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के प्रमुख वीवीएस लक्ष्मणन प्रशासक शामिल हुए।
Hello BCCI, mujhe T20I me rest diye ho ya drop kiye ho?#Dropped #TeamIndia pic.twitter.com/MWRYHjoVdO
— Avinash Aryan (@AvinashArya09) December 27, 2022
इस बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण नियम लागू हुए हैं। उस बैठक के अंत में, यह पुष्टि की गई है कि खिलाड़ियों को भारतीय टीम में शामिल होने के लिए रणजी ट्रॉफी, ट्यूलिप ट्रॉफी, सैयद मुश्ताक अली जैसी और सीरीज खेलनी चाहिए। इसी तरह यह भी कहा गया कि यो-यो परीक्षा पास करना अनिवार्य है।
चलिए अब आपको बताएंगे कि यो-यो टेस्ट क्या है। इसके अनुसार 20 मीटर की दूरी का चयन होता है और इसके प्रारंभिक स्थान को शुरुआती बिंदु और अंतिम स्थान को अंतिम बिंदु के रूप में चिह्नित करेंगे। इस टेस्ट में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को 40 सेकंड का समय दिया जाता है और उस 20 मीटर की दूरी को छूने में कितना समय लगता है, इसको गिना जाता है।
BCCI Conducted a review meeting. #BCCI #Cricket #CricketTwitter pic.twitter.com/INczIoRivM
— RVCJ Sports (@RVCJ_Sports) January 1, 2023
उस रिजल्ट के आधार पर पास फेल की गणना की जाती है। कहा जा रहा है कि फैसला वापस नहीं लिया जाएगा क्योंकि टीम को ऐसे खिलाड़ियों की जरूरत है जो पूरी तरह से फिट हों, भले ही शर्तें थोड़ी कठिन हों। इसलिए यह ध्यान रखना जरूरी है कि जो खिलाड़ी भारतीय टीम का हिस्सा बनना चाहते हैं उन्हें इस टेस्ट को पास करना होगा।