हाल ही में इंग्लैंड ने 3 मैचों की टेस्ट सीरीज़ के लिए पाकिस्तान की यात्रा की। पहले दो मैच जीते और शुरुआत में ही ट्रॉफी जीत ली। लिहाजा 17 साल बाद टीम ने पाकिस्तान की धरती पर टेस्ट सीरीज खेली और 22 साल बाद सीरीज जीती। इससे पहले श्रृंखला के पहले मैच में, इंग्लैंड ने रावलपिंडी स्टेडियम में पिच का इस्तेमाल किया था जो कि तारकोल की तरह थी।
कुल मिलाकर, रावलपिंडी की पिच तारकोल की सड़क की तरह थी, जो गति, उछाल और स्पिन जैसी किसी चीज को हाथ दिए बिना एक समान गति से थी। इससे पहले मार्च में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में भी इसी तरह की पिचें थीं, जिसकी भारी आलोचना हुई थी। उस समय, नए कप्तान के रूप में पदभार संभालने वाले रमीज़ राजा ने कहा कि अगली श्रृंखला में गुणवत्ता वाली पिचें स्थापित की जाएंगी, लेकिन कार्रवाई दिखाने में विफल रहे।
HISTORY by England!
Well done Stokes & co…#PAKvsENG pic.twitter.com/9Q6JMDMVp4
— DK (@DineshKarthik) December 12, 2022
पाकिस्तान बोर्ड प्रशंसकों ने उनका उपहास उड़ाया। ऐसे में अब आईसीसी ने ऐलान किया है कि रावलपिंडी की पिच औसत से कम थी। आम तौर पर अंपायर प्रत्येक मैच के बाद आईसीसी को एक रिपोर्ट सौंपता है। अधिक विशेष रूप से, अंपायर खेले गए मैदान की पिच के लिए अच्छा, औसत और औसत से नीचे जैसी श्रेणियों में स्कोर देता है।
उसी के आधार पर आईसीसी भविष्य में दोबारा उस स्टेडियम में मैच कराने की अनुमति देती है। मैच में अंपायर की भूमिका निभाने वाले एंडी बायक्रॉफ्ट ने आईसीसी से शिकायत की है कि रावलपिंडी की पिच गेंदबाजों को हाथ न देकर एकतरफा थी। उन्होंने इस बारे में इस प्रकार उल्लेख किया है, “पिच सपाट थी और इससे किसी भी तरह के गेंदबाजों को मदद नहीं मिली। जिसकी वजह से दोनों टीमों के बल्लेबाजों ने तेज गति से बल्लेबाजी की और बड़े-बड़े रन बनाए। मैच के दौरान पिच और भी खराब हो गई।”
No guts no glory !!!
Ben Stokes for you✌️#PAKvsEng #BazBall #BenStokes #babarazam𓃟 #ENGvPAK pic.twitter.com/O5ZI0XzoEO— Mufaddal Vohra (@mufadaal_Vohra) December 5, 2022
उन्होंने कहा, “मैंने पाया कि पिच आईसीसी के दिशानिर्देशों के अनुसार औसत से कम थी क्योंकि वहां गेंदबाजों को कम समर्थन मिल रहा था।” आईसीसी ने इसे स्वीकार करते हुए रावलपिंडी स्टेडियम पर भी ब्लैक प्वाइंट लगाया है। इससे पहले आईसीसी ने पहले ही ब्लैक मार्क जारी कर दिया था क्योंकि पिछले मार्च में यहां ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इसी पिच पर मैच खेला गया था।
आम तौर पर जब किसी स्थान को 5 ब्लैक पॉइंट मिलते हैं तो आईसीसी उस पर 12 महीनों के लिए सभी प्रकार के अंतर्राष्ट्रीय मैचों की मेजबानी करने पर प्रतिबंध लगा देता है। ऐसे में बाद के मैचों में रावलपिंडी स्टेडियम को मिले ये लगातार 2 ब्लैक पॉइंट अगले 5 साल तक बकाया रहेगा। यदि उन 5 वर्षों के भीतर ब्लैक पॉइंट्स की संख्या पाँच तक पहुँच जाती है, तो आईसीसी स्वचालित रूप से प्रतिबंध लगा देगी।
JUST IN – The verdict is in on the Rawalpindi pitch used during the first Test between Pakistan and England 👀#PAKvENG | #WTC23https://t.co/PQO7PS2cTj
— ICC (@ICC) December 13, 2022