“वह रो पड़ा था क्योंकि एक साल से नहीं मिला उसे दोपहर का खाना” कोच ने बताई इस खिलाड़ी के संघर्षों की कहानी।

Kumar Karthikey Singh
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मुंबई इंडियंस (MI) का चल रहे IPL 2022 में अच्छा समय नहीं गुज़रा है क्योंकि उन्होंने अब तक 9 मैचों में केवल एक जीत हासिल की है, लेकिन उन्होंने कुछ शानदार घरेलू खिलाड़ियों का जरूर अपनी टीम में शामिल किया है, जिन्हें वे भविष्य के लिए एक नींव के रूप में उपयोग कर सकते हैं।

तिलक वर्मा और ऋतिक शौकीन के अलावा, कुमार कार्तिकेय ने अपने एमआई डेब्यू पर सभी को बेहद प्रभावित किया। बाएं हाथ के स्पिनर के तरकश में वो सभी बाण हैं, जो एक अच्छे स्पिनर के पास होने चाहिए। वह orthodox spin, wrist spin, wrong’uns और भी सभी तरह की स्पिन गेंदबाजी करने में माहिर हैं।

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उन्हें मोहम्मद अरशद खान की जगह रेप्लसमेन्ट के रूप में मुंबई की टीम में जोड़ा गया था। मैच के मध्य होने वाले इंटरव्यू के दौरान उन्होंने खुद को एक मिस्ट्री बॉलर बताया था, साथ ही उन्होंने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ अपने आईपीएल डेब्यू पर अपने 4 ओवरों में 19 रन देकर 1 विकेट लिया।

उनके कोच संजय भारद्वाज ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि टी20 क्रिकेट में सफल होने के लिए कार्तिकेय ने खुद को कलाई का स्पिन सिखाया – क्रिकेट में सबसे कठिन कला – और इसमें महारत हासिल करने के लिए जुनून से अभ्यास किया।

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कार्तिकेय भारद्वाज की अकादमी में दाखिला लेने के लिए कानपुर से गाजियाबाद चले गए, जिन्हें पहले भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर के कोच के रूप में जाना जाता था। भारद्वाज ने अकादमी में कार्तिकेय के परीक्षणों को याद करते हुए कहा, “उनका एक्शन इतना सहज था। उनकी उंगलियों के इस्तेमाल से गेंद पर एक्शन हुआ।”

इसके अलावा, खेल के प्रति उन्हें बेहद प्यार है। अपनी खर्चे को चलने के लिए कुमार ने अकादमी से 80 किलोमीटर दूर एक मजदूर की नौकरी की और बिस्कुट के एक पैकेट के लिए 10 रुपये बचाने के लिए वह रोज वहां पैदल ही जाया करता था। सके बाद भारद्वाज ने उन्हें अकादमी में ही रहने की पेशकश की जहां उन्हें अकादमी में ही पका हुआ खाना मिलता था।

भारद्वाज ने दोपहर के भोजन की पेशकश के बाद रोते हुए कार्तिकेय को याद किया। उन्होंने कहा: “जब रसोइए ने उन्हें दोपहर का भोजन दिया, तो कार्तिकेय रोने लगे: उन्होंने एक साल से दोपहर का भोजन नहीं किया था।”

इसके बाद भारद्वाज ने कार्तिकेय का एक स्कूल में दाखिला करा दिया। उन्होंने स्कूल नेशनल्स में खेला और डीडीसीए लीग में 45 विकेट लिए। हालांकि, वह दिल्ली राज्य की टीम में जगह बनाने में विफल रहे और भारद्वाज ने फिर उन्हें अपने दोस्त और मध्य प्रदेश में शहडोल क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव अजय द्विवेदी के पास भेजने का फैसला किया, और जल्द ही उन्हें राज्य की टीम में चुना गया।

कुमार कार्तिकेय को भोपाल में एक नया घर मिला क्योंकि भारद्वाज ने शहर में अपनी अकादमी खोली और उन्होंने वहां कलाई की स्पिन का अभ्यास करना शुरू कर दिया।

“जब भी वह फ्री होता है तो नेट में गेंदबाजी करना शुरू कर देता है। कई बार इंदौर में मैच से देर रात वापस आता है और लाइट जलाता है और अगले दो-तीन घंटे नेट में बिताता है। उसका जुनून केवल बढ़ा ही है पिछले नौ साल में ,” भारद्वाज ने कहा।

कुमार कार्तिकेय का पहला आईपीएल विकेट राजस्थान रॉयल्स (आरआर) के कप्तान संजू सैमसन का था।

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